मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सभी संस्थानों को रोल मॉडल बनने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा संस्थानों को परिसर संस्कृति को समृद्ध करते हुए निरंतर नवाचार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि शिक्षा संस्थान प्रशिक्षण पर विशेष जोर देकर विद्यार्थी केंद्रित कार्यपद्धति को अपनाएं और समाज के साथ जुड़ाव को मजबूत करें।
गोरखनाथ मंदिर स्थित बैठक कक्ष में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सभी संस्थाओं की वार्षिक समीक्षा करते हुए आगामी शैक्षणिक सत्र की कार्ययोजना को तय किया। बैठक में उन्होंने कहा कि शिक्षा परिषद की संस्थाओं को समयानुकूल तकनीकी अपनाकर सफलता के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक संस्थान की उपादेयता तभी महत्वपूर्ण होगी जब वह सामाजिक सहभाग में निरंतर सक्रिय रहेगा। इसके साथ ही प्रयोगशाला और पुस्तकालय को समृद्ध करने के साथ-साथ ई-लाइब्रेरी की दिशा में भी प्रयास किए जाने चाहिए।
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बैठक में मुख्यमंत्री ने शिक्षा परिषद की संस्थाओं के प्रमुखों से उनकी सालभर की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शिक्षा परिषद केवल स्कूल और कॉलेज खोलने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र के विकास में योगदान देना है। उन्होंने यह भी कहा कि परिषद की नींव राष्ट्रहित में सुयोग्य नागरिक तैयार करने के संकल्प के साथ रखी गई थी और इसे निरंतर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
सीएम योगी ने कहा कि परिसर में अनुशासन, स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों को नियमित रूप से पर्यवेक्षण करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और शोध एवं नवाचार को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने सभी शिक्षकों को नवीनतम प्रशिक्षण से जुड़े रहने की सलाह दी और कहा कि शिक्षा संस्थाओं को विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्यपद्धति में निरंतर सुधार करना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं को सामाजिक सहभाग को और अधिक मजबूत करना चाहिए। उन्होंने संस्थानों की सामाजिक सरोकारों से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि परिषद ने चिकित्सा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वावलंबन के क्षेत्र में निरंतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हर संस्था को समाज की उन्नति के लिए अपने दायरे को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
शिक्षा परिषद की संस्थाओं की कार्यपद्धति पर विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्कृष्टता में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थान विद्यार्थी केंद्रित प्रणाली को निरंतर उन्नत करते रहें और सेवा की भावना को सर्वोपरि रखें। उन्होंने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश भी दिए।
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बैठक में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह, सदस्यगण प्रमथनाथ मिश्र, एसपी सिंह, रामजन्म सिंह, ऑडिटर अनिल कुमार सिंह, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने परिषद की संस्थाओं की गतिविधियों की सराहना करते हुए भावी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
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