नई दिल्ली. राजस्थान और तेलंगाना में वोटिंग थमने के साथ ही पांच चुनावी राज्यों के एग्जिट पोल्स आने शुरू हो गए हैं. मध्यप्रदेश के लिए अब तक 6 सर्वे सामने आए हैं. तीन में भाजपा कांग्रेस से आगे है. राजस्थान के 4 सर्वे में से 3 में कांग्रेस सरकार बनने के आसार हैं. छत्तीसगढ़ के 6 सर्वे में भाजपा और कांग्रेस 3-3 की बराबरी पर हैं. तेलंगाना में 4 सर्वे आए हैं, इनमें सभी में टीआरएस की सरकार बनती दिख रही है. वैसे असली परिणाम तो 11 दिसंबर को ही पता लगेगा, लेकिन एग्जिट पोल के जरिए एक बड़ी तस्वीर सामने नजर आती है. ऐसे में देखते हैं कि एग्जिट पोल में क्या सामने आया है
1) मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में 230 सीटें हैं. इसके लिए 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी. 75 फीसदी लोगों ने मतदान किया था. 2013 में भाजपा ने 165 और कांग्रेस ने 58 सीटें जीती थीं.
सर्वे | भाजपा | कांग्रेस | अन्य |
इंडिया टुडे-एक्सिस | 102-122 | 104-122 | 4-11 |
टाइम्स नाऊ-सीएनएक्स | 126 | 89 | 15 |
एबीपी-लोकनीति | 94 | 126 | 10 |
इंडिया न्यूज-नेता | 106 | 112 | 12 |
रिपब्लिक | 108-128 | 95-115 | 7 |
न्यूज नेशन | 110 | 107 | 13 |
2) राजस्थान
राजस्थान में इस बार 200 में से 199 सीटों पर वोटिंग हुई. यहां शुक्रवार को वोटिंग हुई. 2013 में यहां भाजपा ने 163 और कांग्रेस ने 21 सीटें जीती थीं.
सर्वे | भाजपा | कांग्रेस | अन्य |
इंडिया टुडे-एक्सिस | 55-72 | 119-141 | 04-11 |
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स | 85 | 105 | 09 |
रिपब्लिक-सी वोटर | 83-103 | 81-101 | 15 |
न्यूज नेशन | 89-93 | 99-103 | 00 |
3) छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में 90 सीटें हैं. यहां 12 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग हुई. कुल 76.35 फीसदी मतदान हुआ. पिछली बार भाजपा ने 49 और कांग्रेस ने 39 सीटें जीती थीं. बसपा के खाते में एक ही सीट आई थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 4.4% रहा था। बसपा और जोगी की छजकां के बीच इस बार गठबंधन है. जोगी ने 2016 में कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाई थी.
सर्वे | भाजपा | कांग्रेस | अन्य |
इंडिया न्यूज-नेता | 43 | 40 | 07 |
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स | 46 | 35 | 07 |
इंडिया टुडे-एक्सिस | 21-31 | 55-65 | 04-08 |
न्यूज नेशन | 38-42 | 40-44 | 04-08 |
4) तेलंगाना
राज्य में 119 सीटें हैं. यहां भी शुक्रवार को वोटिंग हुई। आंध्र से अलग होकर नए राज्य बने तेलंगाना में 2014 में पहली बार चुनाव हुआ था. तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 63, कांग्रेस ने 21, तेदेपा ने 15, एआईएमआईएम ने 7 और भाजपा ने 5 सीटें जीती थीं. इस बार मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने छह महीने पहले ही विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. इसी वजह से यहां जल्दी चुनाव हो रहे हैं. इस बार कांग्रेस और तेदेपा एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
सर्वे | टीआरएस | कांग्रेस+ | भाजपा |
इंडिया टुडे-एक्सिस | 79-91 | 21-33 | 01-03 |
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स | 66 | 37 | 07 |
रिपब्लिक-जन की बात | 50-65 | 38-52 | 04-07 |
टीवी 9-एआरए | 75-85 | 25-35 | 02-03 |
5) मिजोरम
राज्य में 40 विधानसभा सीटें हैं. यहां 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी. यहां 10 साल से कांग्रेस सत्ता में है. मुख्यमंत्री ललथनहवला तीन बार से मुख्यमंत्री हैं. 2013 में यहां कांग्रेस ने 34 सीटें जीती थीं. एमएनएफ को 5 और एमजेडपीसी को 1 सीट मिली थी. इस बार विधानसभा अध्यक्ष हेफई समेत कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं. भाजपा ने यहां चुनाव की कमान असम के मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा को दी है, जिनके नेतृत्व में पार्टी ने इसी साल त्रिपुरा में पहली बार जीत हासिल की थी. मिजोरम कांग्रेस की सरकार वाले चार राज्यों में शामिल है. यह पूर्वोत्तर का इकलौता राज्य है जहां भाजपा सत्ता में नहीं है.
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