उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं. जिसके चलते अब बुलंदशहर में सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी की सभा में अफसरों व नेताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले वन दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है. मेरठ से वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने उनपर यह कार्रवाई की है. दरअसल कई भाजपा विधायकों के नाम लेकर वन दरोगा ने सीधा आरोप लगाया था कि वो उन्हें नौकरी नहीं करने दे रहे हैं.
इसलिए हुए सस्पेंड
जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर के सदर वन रेंज में तैनात वन दरोगा अजित भड़ाना ने विधानसभा चुनाव के दौरान मेरठ की हस्तिनापुर सीट से सपा प्रत्याशी योगेश वर्मा की जनसभा में नौकरी से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. कई भाजपा विधायकों के नाम लेकर उन्होंने सीधा आरोप लगाया था कि उन्हें नौकरी नहीं करने दे रहे हैं. किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. आनन-फानन में डीएफओ विनीता सिंह ने इसकी जांच रिपोर्ट तैयार कर मेरठ वन विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी थी.
डीएफओ विनीता सिंह ने बताया कि पूरे मामलेमें अब कार्रवाई करते हुए दरोगा अजित भड़ाना को निलंबित कर दिया गया है. व्हाट्सएप पर भेजा गया उनका इस्तीफा अफसरों ने निरस्त कर दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद डीएफओ ने भी उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. विभागीय स्तर से अभी उनके खिलाफ जांच जारी है. बताया गया कि वन दरोगा ने आचरण नियमावली का उल्लंघन किया है, जिसके चलते निलंबन की कार्रवाई हुई है.
दरोगा की पत्नी रहीं हैं जिला पंचायत सदस्य
बता दें कि दरोगा अजीत भड़ाना की पत्नी वार्ड नंबर-4 से 2 बार जिला पंचायत सदस्य रहीं हैं. इससे पहले भी अजीत एक बार चर्चा में रहे हैं. बताया गया है कि हस्तिनापुर में भी उनकी पोस्टिंग रही है.
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