सामूहिक दुष्कर्म में पूर्व सपा मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी नामंजूर, जज बोले- सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है आरोपी

सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए ने जमानत पर करने से इंकार कर दिया है। साथ ही आरोपी गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है। स्पेशल कोर्ट नेकहा कि अभियुक्त मुख्य आरोपी है, प्रकरण साक्ष्य में चल रहा है और अभियुक्त प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति है। ऐसे में वह गवाहों को प्रभावित और साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर का प्रयास कर सकता है।


जानकारी के मुताबिक, यह आदेश स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार तिवारी ने एसपीओ राधाकृष्ण मिश्र और एडीजीसी राजेश गुप्ता को सुनकर दिया है। दरअसल, घटना 2016 की लखनऊ के गौतम पल्ली थाने की है। पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे अशोक तिवारी के माध्यम से मंत्री गायत्री प्रजापति ने अपने गौतमपल्ली आवास पर बुलाया था। बालू खनन का काम दिलाने की बात की थी।


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इस दौरान चाय में नशीला पदार्थ मिला कर बेहोशी की हालत में उसके साथ मंत्री और अशोक ने दुष्कर्म किया। अश्लील फोटो निकाली और बार-बार बुलाकर दुष्कर्म करते रहे। वहां पर पिंटू सिंह, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला, चंद्रपाल और रूपेश तिवारी ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया था।


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यही नहीं, उसकी बच्ची के साथ भी दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया, तब वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। अभियुक्तगण द्वारा उसे और उसके परिवार को धमकी दी गई थी। बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि वादिनी ने गलत और फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अभियुक्त के विरुद्ध कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिया गया है।


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