गाजियाबाद: 28 जून को साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े बीमा धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने इस गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो लोग पहले बीमा कंपनियों में नौकरी कर चुके थे। ये आरोपी बीमा धारकों के डेटा का इस्तेमाल करके फर्जी बीमा पॉलिसी तैयार कर रहे थे।
1500 से ज्यादा फर्जी पॉलिसी
पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य बीमा कंपनियों में नौकरी करते हुए पॉलिसी धारकों की निजी जानकारी प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद, वे इन धारकों को कॉल करते और उन्हें बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने या नई पॉलिसी लेने का लालच देते। बाद में, सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी रसीद और बीमा पॉलिसी तैयार कर के लोगों को दे दी जाती थी। अब तक, ये शातिर 1500 से ज्यादा फर्जी पॉलिसी बनाकर साढ़े 4 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।
बीमा कंपनी में मारी सेंध
जो आरोपी पकड़े गए है उनमें गाजियाबाद के अमन अग्रवाल, दिल्ली के राहुल यादव, मसूरी के आफताब आलम, हापुड़ के राहुल शर्मा, बुलंदशहर के दीपक, हापुड़ के गर्वित त्यागी और पंजाब के जगजीत सिंह शामिल हैं। इनमें से दो आरोपियों ने बीमा कंपनियों में काम करते हुए यह अपराध अंजाम दिया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने चार राज्यों में घटित नौ अलग-अलग घटनाओं का भी खुलासा किया है।
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देश के अलग अलग राज्यों में की धोखाधड़ी
पुलिस के अनुसार, इन शातिरों ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और अन्य राज्यों के लोगों से धोखाधड़ी की थी। इन राज्यों में कई लोगों ने शिकायतें दर्ज करवाई थीं। प्रमुख शिकायतकर्ताओं में प्रतापगढ़, झांसी, गुजरात, कर्नाटका और अन्य राज्य शामिल हैं।
पुलिस ने बरामद किया सामान
पुलिस ने आरोपी गैंग के पास से 26 मोबाइल फोन, 14 डेबिट कार्ड, एक लाख 98 हजार रुपये नकद और दो लग्जरी कारें बरामद की हैं। इसके अलावा, इनकी मोबाइल फोन से बीमा धोखाधड़ी की और भी जानकारी मिली है, जिससे कई अन्य राज्यों में इनकी गतिविधियों का खुलासा हुआ है।
जिस कंपनी में नौकरी की,वही की ठगी
अमन अग्रवाल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह 2021 में नोएडा में एक बीमा कंपनी, काम करता था। यहां उसे पॉलिसी धारकों की निजी जानकारी मिल गई थी। कुछ समय बाद, उसने नौकरी छोड़ दी और अपने साथियों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम देना शुरू किया।गाजियाबाद पुलिस ने इस गिरोह के और सदस्यों की तलाश तेज कर दी है, जिनके बारे में भी जानकारी मिली है।
बाकी साथियों की तलाश
पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने कहा, “यह एक संगठित गिरोह था, जो बीमा सेक्टर की साख को धूमिल कर रहा था। उनकी गिरफ्तारी से अन्य राज्यों में भी इनकी ठगी की घटनाओं का खुलासा हुआ है। हम इनके बाकी साथियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।”
Input- Ram Krishna Shukla