गाजियाबाद (Ghaziabad) में बुजुर्ग की पिटाई और दाढ़ी काटने के मामले में ट्विटर (Twitter) पर एक्शन का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजा है और सात दिनों के भीतर पुलिस स्टेशन आकर बयान दर्ज कराने को कहा है. बता दें, यह नोटिस ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को 160 CRPC के तहत भेजा गया है. ट्विटर पर आरोप है कि बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल होने से समाज में गलत संदेश गया और ट्विटर ने इसे लेकर कोई एक्शन नहीं लिया और इसे वायरल होने दिया.
नोटिस में क्या है
लोनी बॉर्डर थाना के जांच अधिकारी द्वारा ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को ये नोटिस सीआरपीसी की धारा 160 के तहत भेजा है. नोटिस में पुलिस ने कहा है कि समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने वाले संदेशों का ट्विटर ने कोई संज्ञान नहीं लिया और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करने वाले कार्य व लेख को बढ़ावा दिया. साथ ही ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने दिया.
ट्विटर के खिलाफ जमानती धाराओं में दर्ज है मुकदमा
ट्विटर के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सभी धाराएं जमानती हैं. इसलिए उनमें गिरफ्तारी नहीं होगी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की जरूरत भी नहीं है. हालांकि पूछताछ में सभी आरोपियों को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना पड़ेगा. इसलिए पुलिस ट्विटर और वायर के अलावा अन्य आरोपियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी कर रही है.
कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज
इससे पहले बुधवार को पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के अलावा अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद और मसकूर उस्मानी, लेखक सबा नकवी, द वायर और ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया. पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है.
जानें क्या था मामला ?
गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में पुलिस का कहना था कि बुजुर्ग द्वारा दी गई सारी जानकारी गलत थी. बुजुर्ग ने अज्ञात के खिलाफ FIR करवाई थी, लेकिन वह उनको जानता था और वहां जबरदस्ती नारे लगाने जैसा कोई मामला नहीं हुआ. पुलिस की जांच में सामने आया है कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा (लोनी बॉर्डर) आया था, जहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर के घर बंथला (लोनी) गया था. परवेश के घर पर कुछ समय में अन्य लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल व मुशाहिद आदि आ गए और परवेश के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. उनके अनुसार अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है. उसके दिए ताबीज से उनके परिवार पर उल्टा असर हुआ. इस वजह से उन्होंने यह कृत्य किया है.
अब्दुल समद और प्रवेश, आदिल, कल्लू आदि लड़के एक-दूसरे से पूर्व से ही परिचित थे, क्योंकि अब्दुल समद द्वारा गांव में कई लोगों को ताबीज दिए गए थे. प्रकरण में पंजीकृत अभियोग में समुचित धराओं की वृद्धि करते हुए पूर्व में ही मुख्य अभियुक्त परवेश गुज्जर की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इस मामले में 14 जून को अन्य दो अभियुक्तों कल्लू और आदिल की गिरफ्तारी की गयी थी, वहीं 16 जून को इंतजार और सद्दाम उर्फ बौना को भी सलाखों के पीछ भेज दिया गया है, हमले में शामिल जिन पांच लोगों की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य की तलाश जारी है.
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