उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के जनत दर्शन में लोग अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे। इससे साफ है कि उनकी स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में जनता दर्शन के दौरान लोगों की भारी संख्या देख सीएम योगी ने वहा मौजूद अफसरों से सवाल किया। इसके साथ ही निर्देश दिया कि जनता की समस्या को लेकर लापरवाह व गैर जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों को चिन्हित करें और उनके खिलाफ एक्शन लें।
700 लोगों की सुनी समस्याएं
इस दौरान सीएम योगी ने करीब 700 लोगों की समस्या सुनी। बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर नवरात्र और विजयदशमी का परंपरागत अनुष्ठान सम्पन्न करने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी को लेकर बुधवार को सुबह से सक्रिय दिखे। सुबह की परंपरागत पूजा सम्पन्न करने और गोशाला में कुछ समय गुजारने के बाद मुख्यमंत्री तत्काल परिसर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार परिसर पहुंच गए।
वहां दूर-दराज से आए करीब 350 लोग अपनी समस्या सीधे कहने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। मुख्यमंत्री एक-एक कर सबके पास गए और समस्या सुनने के साथ उससे जुड़ा आवेदन पत्र भी लिया। जब वहां मौजूद सभी की समस्या उन्होंने सुन ली तो मंदिर प्रबंधन के लोगों ने उन्हें बताया कि 200 से अधिक लोग अभी भी बाहर खड़े होकर समस्या बताने के लिए अपनी बारी इंतजार कर रहे हैं।
इसकी जानकारी होने पर सीएम ने उन्हें भी बुलाने का निर्देश दिया और बारी-बारी से उनकी समस्या भी सुनी। ज्यादातर मामले भूमि विवाद और पुलिस के थे, जिसका निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री कई बार अधिकारियों को नसीहत देते दिखे। कुछ लोग आर्थिक तंगी का हवाला देकर इलाज के लिए धन की मांग लेकर आए थे।
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ऐसे सभी लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वह कागजी औपचारिकता पूरी करे, धन के अभाव में कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित नहीं रहेगा। औपचारिकता पूरी करने के लिए उन्होंने अफसरों से कहा कि वह इसमें जरूरतमंदों की मदद करें।
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