कैग रिपोर्ट: राफेल डील में मोदी सरकार ने 17.08% पैसा बचाया, UPA के मुकाबले नया सौदा 2.86% सस्ता

राफेल डील पर जारी सियासी घमासान के बीच आज नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई. केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने इस डील को पेश किया. राज्यसभा में पेश CAG रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने जो राफेल विमान की डील की है, वह सस्ती है. रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील 2.86 फीसदी सस्ती है.


CAG रिपोर्ट के मुताबिक 126 विमानों की तुलना में भारत ने 36 राफेल कॉन्ट्रैक्ट में 17.08% पैसे बचाए हैं. आपको बता दें कि मोदी सरकार के समय में 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा हुआ. इससे पहले UPA के समय में 126 राफेल का सौदा हुआ था पर कई शर्तों पर आम राय नहीं बन सकी थी.


जानें क्या है कैग रिपोर्ट

रिपोर्ट में 2007 और 2015 की मूल्य बोलियों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है. इसमें लिखा है, ‘आईएनटी द्वारा गणना किए गए संरेखित मूल्य ‘यू 1’ मिलियन यूरो था जबकि लेखापरीक्षा द्वारा आंकलित की गई संरेखित कीमत ‘सीवी’ मिलियन यूरो थी जो आईएनटी संरेखित लागत से लगभग 1.23 प्रतिशत कम थी. यह वह मूल्य था जिस पर 2015 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने चाहिए थे यदि 2007 और 2015 की कीमतों को बराबर माना जाता. लेकिन इसके जगह 2016 में ‘यू’ मिलियन यूरो के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे जो लेखापरीक्षा के संरेखित कीमत से 2.86 प्रतिशत कम थी.’



रिपोर्ट के मुताबिक- मार्च 2015 में रक्षा मंत्रालय की एक टीम ने 126 राफेल सौदे को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि दैसो एविएशन सबसे कम बोली लगाने वाला नहीं था और यूरोपियन एयरोनॉटिकल डिफेंस एंड स्पेस कंपनी (ईएडीएस) का प्रस्ताव भी टेंडर की शर्तों के मुताबिक नहीं था.


CAG रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसे सत्य की जीत बताया है. उन्होंने लिखा कि CAG रिपोर्ट से सच सामने आ गया है. जेटली ने ट्विटर पर लिखा- सत्यमेव जयते. आखिरकार सच सामने आया. उन्होंने कहा है कि महाझूठबंधन CAG रिपोर्ट आने के बाद एक्सपोज हो चुका है.



वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने इस डील में चोरी की है, जबकि बीजेपी और केंद्र सरकार इस डील को पाक साफ बताने में जुटी है.



संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास राफेल मुद्दे पर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच संसद में राफेल मुद्दे को लेकर अहम बैठक भी हुई.


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