लखनऊ: उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने मथुरा में 2 माह पूर्व हुए बालक प्रिंस हत्याकांड मामले में झूठा मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
बृजलाल ने एसएसपी मथुरा से कहा है कि वह इस मामले की विवेचना करके झूठा मुकदमा लिखाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें सजा दिलाएं. वहीं जिलाधिकारी मथुरा को निर्देश दिए हैं कि वह अधिनियम के तहत मिले 412500 रुपये की आर्थिक सहायता की वसूली करें.
बृजलाल ने बताया कि मथुरा के थाना नौहझील के गांव भैरई में 2 महीने पहले छह साल के बच्चे प्रिंस की हत्या हुई थी. जिसमें गांव के ही ब्राह्मण परिवार के 5 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. उसमें मृतक बच्चे की मां ने एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता की 412500 रुपये की पहली किश्त भी ले ली थी. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया था. इसके बाद आरोपी परिवार ने एसएसपी मथुरा से मिलकर आवेदन किया कि इस मामले में गलत मुकदमा दर्ज हुआ है.
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मथुरा पुलिस ने इस मामले खुलासा किया है कि बच्चे प्रिंस की मां गुड्डी ने अपने देवर आकाश के साथ मिलकर बच्चे की हत्या की थी. इसके बाद शव को कुएं में फेंक दिया था. इस पर आयोग के अध्यक्ष ने झूठा मुकदमा लिखने, झूठा साक्ष्य बनाने के सम्बंध में अलग से मुकदमा पंजीकृत करके कार्रवाई करने और इस बारे में आयोग को 10 दिन के अंदर (26 सितंबर 2018) तक आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
आयोग ने इस मामले के सही अनावरण के लिए मथुरा पुलिस की सराहना की और कहा कि एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग को आयोग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके दुरुपयोग के संबंध में आयोग द्वारा कठोर कार्रवाई करने की बात कही है.
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