आयुष्मान भारत के तहत मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा, हॉस्पिटल में रोज एडमिट होते है 10 हज़ार लोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना के तहत दिसंबर में एडमिट होने वालों की संख्या औसत तौर पर 10 हजार रोजाना है, जबकि अक्टूबर में यह संख्या 2000-5000 थी. आंकड़ों की मानें तो अक्टूबर से अब तक एडमिट होने वालों की संख्या में 47 फीसदी का इजाफा हुआ है. 23 सिंतबर को लांच हुई इस स्कीम के तहत अब तक 6.73 लाख लोग अपना इलाज करा चुके हैं. आयुष्मान भारत के तहत हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों की संख्या पिछले 3 महीने में दोगुनी हो गई है. नेशनल हेल्थ एजेंसी के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पूर्व अधिकृत 897 करोड़ रुपये में 77 फीसदी ऐंजियोप्लास्टी, जॉइंट और वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए भर्ती होने वाले मरीजों पर खर्च हुए हैं.

 

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जागरूकता फैलाने से बढ़ी मरीजों की संख्या

आयुष्मान भारत के डिप्टी चीफ एग्जिक्यूटिव दिनेश अरोरा ने कहा- ‘इस स्कीम के बारे में जागरूकता फैलाने की वजह से संख्या में यह परिवर्तन आया है. आशा और पोस्टल डिपार्टमेंट के जरिए पीएम मोदी की तरफ से लिखे गए पत्र, इसका फायदा मिलने वाले मरीजों को 7.5 करोड़ दिए जा चुके हैं. जैसे-जैसे लोग इसे लेकर जागरूक हो रहे हैं, वैसे-वैसे यह स्कीम और मजबूत हो रही है’. अरोड़ा ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज कराने वालों की संख्या सबसे ज्यादा 65 फीसदी है. लोगों को गंभीर समस्याओं में भी अच्छा इलाज मिल रहा है.

 

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उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं

उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत अच्छी नहीं हैं. इसलिए आयुष्मान भारत के तहत हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों की संख्या पिछले 1 महीने में 70 फीसदी बढ़ी है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड में 67 फीसदी और बिहार में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह आंकड़ा इसलिए मायने रखता है क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटलों में महंगा इलाज होने के कारण ये  स्वास्थ्य सेवाएं अब तक गरीबों से दूर थी. अधिकारियों ने बताया कि डेंटल सर्जरी और सामान्य इलाज लेने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

 

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