उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी संगठन की महाहड़ताल बुधवार से शुरू गई है। कर्मचारी हड़ताल के पहले दिन समाज कल्याण निदेशालय सहित कई सरकारी दफ्तरों में ताले लटके नजर आए। काम बंद कर कर्मचारी और अधिकारी प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, हड़ताल की शुरुआत प्रयागराज के गवर्मेंट प्रेस से हो गई है।
मुख्य सचिव ने वार्ता के लिए लिखा पत्र
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एक सप्ताह की हड़ताल पर बैठे कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच को प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने बातचीत के लिए बुलाया है। इसके लिए मुख्य सचिव ने पत्र लिखा है। सम्भावना जताई जा रही है कि इस बैठक में मुद्दे का कुछ समाधान निकल सकता है।
पुरानी पेंशन बहाली मंच की तरफ से कल मंगलवार शाम को ही कह दिया गया था कि अब समझौते की को गुंजाइश नहीं बची है। सरकार जानबूझकर टकराव को न्योता दे रही है। हम झुकने वाले नहीं हैं।
एस्मा के बावजूद कर्मचारी कर रहे हड़ताल
कर्मचारियों ने यहां सुबह छह बजे काम बंद कर प्रदर्शन किया। सरकार द्वारा एस्मा लगाने के बावजूद इस हड़ताल में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल होने का दावा है। सूत्रों ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन राजभवन के सामने लोक निर्माण विभाग मुख्यालय पर सभी विभागों के कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी व केंद्रीय कर्मचारी एकत्र होकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले-जिले धरने और सभाएं शुरू हो गईं हैं। सभी जिलों में बाइक सवारों की दो टोलियां जनजागरण करने के लिए सड़कों पर निकल पड़ी हैं। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा भी हड़ताल में शामिल हैं।
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जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच की ओर से हड़ताल में 150 संगठनों के 20 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों के शामिल होने का दावा है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि 12 फरवरी तक चलने वाली सात दिन की हड़ताल के शुरुआती दिनों में बिजली व स्वास्थ्य सेवाओं को अलग रखा गया है लेकिन आखिरी दिनों में सभी आवश्यक सेवाएं भी ठप की जा सकती है।
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