नए साल से महंगाई का झटका लगने वाला है क्योंकि देश में कपड़े और जूते के दाम बढ़ जाएंगे. वित्त मंत्रालय ने मानव मेड फाइबर (MMF), धागे (Yarn) और फैब्रिक (fabric) पर 12 फीसदी जीएसटी (GST) लगाने का फैसला लिया है. कुछ सिंथेटिक फाइबर और यार्न के लिए जीएसटी दरों को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है. मौजूदा समय में एमएमएफ, एमएमएफ यार्न और एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी की दर क्रमश: 18 फीसदी, 12 फीसदी और 5 फीसदी है. पहले 1,000 रुपये तक की कीमत के फैब्रिक पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था.
टेक्सटाइल, कपड़े और जूते-चप्पल पर अब 12 फीसदी जीएसटी
जनवरी 2022 से फैब्रिक पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया गया है. अब किसी भी कीमत के फैब्रिक पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. पहले 1000 तक की कीमत के फैब्रिक पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था. अब बुने हुए कप़ड़े, सिंथेटिक धागे, थान, कंबल, टेंट, टेबल क्लॉथ, रग्स समेत कई तरह के कपड़ों पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया है. फुटवियर पर भी 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा.
कई सामान्य इस्तेमाल की चीजों को GST से छूट भी दी गई है. 150 सामानों और 80 से अधिक सेवाओं पर GST नहीं लगाया जाता है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कई महीने में GST कलेक्शन में उत्साहजनक रुझान दिखा है. लिहाजा स्लैब में कुछ सुधार किया जा सकता है.
लंबे समय से थी मांग
कपड़ा और जूता व्यवसाय से जुड़े लोग लंबे समय से इस ढांचे में बदलाव की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि जूता बनाने के कच्चे माल पर 12 फीसदी जीएसटी है, जबकि तैयार उत्पादों पर जीएसटी केवल 5% है. इस नुकसान की भरपाई के लिए कच्चे माल पर चुकाए शुल्क को वापस किया जाना चाहिए. इसके बाद, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कपड़े और जूते उद्योग के इनवर्टेड शुल्क ढांचे में बदलाव का फैसला किया गया.
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