सहारनपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद द्वारा महात्मा गांधी की समाधि पर कैलाश मानसरोवर से लाया गया पवित्र जल व पुष्प अर्पित करना महंगा पड़ गया है. देवबंदी उलेमाओं ने गुलाम अली आजाद द्वारा दी गयी श्रध्दांजलि का विरोध करते हुए इसे इस्लाम में हराम बताया है.
बता दें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर वहां से लाया पवित्र जल और पुष्प अर्पित किया था जिसे लेकर देवबंदी उलेमाओं में खासा नाराजगी है. मोहतमिम जामिया फ़ातिमातुज़्ज़ोहरा देवबन्द के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक़ क़ासमी ने इसे इस्लाम में हराम बताया है.
उन्होंने गुलाम नबी आजाद के पुष्प अर्पित करने को पूरी तरह से गलत करार दिया है. मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक़ क़ासमी ने कहा कि गुलपोशी करना शरीयत के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि किसी के खुशी या गम में शामिल होना एक अलग बात है और वहां शामिल होकर वो अम्ल करना जो शरीयत के खिलाफ है, वह गुनाह है. इसके लिए गुलाम नबी आजाद को अल्लाह से तौबा करना चाहिए.
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