ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Mosque Case) में वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) ने मस्जिद परिसर में कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) और ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच (Scientific Investigation of Shivling) की मांग वाली हिंदू पक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कार्बन डेटिंग के कारण शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। हिन्दू पक्ष के वकील हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है। वहीं, कोर्ट के इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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लंबे समय से अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग मामले में अब सुनवाई पूरी होने के साथ ही फैसला आखिरकार दोपहर ढाई बजे आ गया। इसके पूर्व दोनों पक्षों को सुनने और आपत्ति दाखिल करने के लिए समय देने के बाद अदालत में अब सुनवाई और बहस का दौर खत्म हो चुका था।
Gyanvapi mosque case | Judge has rejected our demand of seeking carbon dating. We are waiting for the order copy. The option of going to the High Court is available to us and we will place our point before the High Court also: Advocate Madan Mohan Yadav,in Varanasi#Uttarpradesh pic.twitter.com/9NmVqHNBEz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 14, 2022
ऐसे में शुक्रवार को अदालत द्वारा इस मामले में फैसले का इंतजार दोनों पक्षों को था। अदालत ने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वजूखाने में मिले शिवलिंग संरक्षित रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। आम जनमानस की भावना आहत न हो और तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। कार्बन डेटिंग से इससे नुकसान का खतरा होने की वजह से मांग को खारिज कर दिया गया।
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