उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा ड्यूटी से लौट रहे सिपाही सुरेश वत्स की आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। उनके आवास पर मातम भरा सन्नाटा पसरा हुआ है। बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं, मृतक सिपाही सुरेश कुमार वत्स के भतीजे मुकेश सिंह वत्स ने सरकार से मुआवजे की रकम बढ़ाने की मांग की।
50 लाख नहीं एक करोड़ मिले मुआवजा
बता दें कि मृतक सुरेश कुमार वत्स प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज तहसील के लक्षिपुर गांव के रहने वाले थे। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा ड्यूटी से लौटने के दौरान आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों ने उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
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मृतक सिपाही सुरेश कुमार वत्स अपने पीछे पत्नी समेत एक 24 साल का बेटा और दो बेटियों से भरा पूरा परिवार छोड़कर चले गए हैं। मृतक सिपाही के भतीजे मुकेश सिंह वत्स ने मुआवजे की रकम 50 लाख से एक करोड़ करने की मांग की है। साथ ही साथ उनका कहना है कि आरक्षण के लिए प्रदर्शन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने ट्वीट कर जाहिर किया दुख
फिलहाल, गाजीपुर में शहीद पुलिसकर्मी सुरेश वत्स का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। गाजीपुर पथराव में मारे गए पुलिसकर्मी के परिवार को यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार मुआवजा देगी। उनकी पत्नी को 40 लाख, माता पिता को 10 लाख और परिवार में नौकरी का एलान किया गया है। वहीं गाजीपुर में शहीद हुए पुलिसकर्मी के बेटे ने इंसाफ मांगते हुए कहा कि मुआवजे से पिता नहीं लौटेंगे।
वहीं,डीजीपी ने ट्वीट किया है कि हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप सिंह वत्स का गाजीपुर पथराव में मौत होना बहुत दुखद है। अभी तक तीन मामलों में 20 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से 11 के खिलाफ हत्या का आरोप है। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।