हिंदू सेना (Hindu Army) के प्रमुख विष्णु गुप्ता (Vishnu Gupta) ने कहा कि राम मंदिर की तरह मथुरा और काशी को भी अवैध कब्जे से मुक्ति दिलानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी पर धरना-प्रदर्शन कर पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को रद करने की मागं की है।
दिल्ली के मान सिंह रोड स्थित जैसलमेर हाउस पर प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा कि यह कानून धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के साथ एक संप्रदाय विशेष का तुष्टिकरण करता है। उन्होंने कहा कि इस कानून को तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार ने बनाया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि 15 अगस्त 1947 को विद्यमान पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र वैसा ही रहेगा जैसा उस दिन था।
विष्णु गुप्ता ने कहा कि यह अधिनियम देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। यह संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत हिंदुओं की पूजा के अधिकार का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद-26 हिंदुओं को अन्य समुदाय की ओर से हड़पे गए धार्मिक स्थलों के रखरखाव से वंचित करता है। इसी तरह न्यायालय के माध्यम से पूजा और संपत्ति से जुड़े स्थानों को वापस लेने के अधिकार को छीनता है। यह हिंदू धर्म की उस भावना के खिलाफ है, जिसमें कहा जाता है धार्मिक स्थान देव संपत्ति है। उस पर किसी दूसरे का कब्जा नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इस कानून को जानबूझ कर एक संप्रदाय को खुश करने के लिए बनाया गया है। इस कानून के जरिये हिंदुओं को न्यायालय जाने से भी वंचित कर दिया गया। इस तुगलकी तुष्टीकरण करने वाले काले कानून को रद किया जाए, ताकि हिंदू अपने मंदिरों को न्यायालय के माध्यम से पुनर्निर्माण करा सकें। यहां पर बता दें कि अयोध्या (फैजाबाद) में सुप्रीम कोर्ट के बाद राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
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