अभी हाल ही में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा के परिणाम आये है. जहां कुछ बच्चों ने 99 प्रतिशत तक अंक हासिल कर जिला या स्कूल टॉप किया तो वहीं कुछ बच्चे टॉप नहीं कर पाये. उन बच्चों को ऐसी ही एक रोचक कहानी बताने जा रहे है, जिसमें ऐसे अनेक चेहरे हैं जो भले ही स्कूल में टॉपर न रहें हो. लेकिन अपनी मेहनत और लगन से आज वो टॉप पर हैं.
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ये कहानी है अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि की. जो बताते हैं कि ‘मैं भी कुछ ऐसा ही था. दसवीं के परिणाम आने के बाद मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था. मगर फिर मेरा आत्मविश्वास जगा और कड़ी मेहनत की वजह से आज यहां पहुंच गया. हां, इतना जरूर है कि कभी हार न मानने की प्रवृत्ति ने मुझे टॉप पर पहुंचाया’.
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आइये जानते है एसएसपी आकाश कुलहरि के बारे में
अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले है. उनके पिता वैटनरी चिकित्सक थे. उनकी स्कूलिंग बीकानेर शहर के सीबीएसई बोर्ड के बीकानेर स्कूल से शुरू हुई. उन्होंने साल 1996 में 57 प्रतिशत नंबरों के साथ हाईस्कूल पास किया. पहले पड़ाव में ही कमजोर साबित होने और प्रतिशत कम होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया.
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इसके बाद परिजनों ने भागदौड़ कर केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में दाखिला दिलवाया. यहां से उन्होंने कुछ मेहनत की और 85 प्रतिशत के साथ इंटरमीडिएट परीक्षा पास की. फिर साल 2001 में दुग्गल कालेज बीकानेर से कामर्स विषय से बीकॉम किया. यहां तक उन्होंने कोई लक्ष्य नहीं बनाया था. मगर इसके बाद जेएनयू दिल्ली से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया.
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इस दौरान आकाश कुलहरि ने लक्ष्य बनाकर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी और साल 2005 में एम.फिल भी किया. इसी के साथ साल 2006 में पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली. उन्होंने स्वीकारा कि शुरुआत में ध्यान पढ़ाई पर कम खेलकूद जैसे क्रिकेट में ज्यादा था. स्नातक होने से पहले कोई लक्ष्य नहीं था. मगर इसके बाद लक्ष्य तय किया और सफलता प्राप्त कर ली.
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