टेक्नोलॉजी: Pegasus स्पाईवेयर पर करीब 20 देश के पत्रकारों, एक्टिविस्ट, कानून के जानकारों और सरकारी अधिकारियों की जासूसी का आरोप है. इस लिस्ट में भारत भी शामिल है. जिसके बाद फ़ोन हैकिंग की बात सामने आने लगी है. हॉलांकि अभी तक ऐसा कहा जा रहा है कि ये स्पाईवेयर सिर्फ फेमस लोगों को ही टारगेट किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. कई मैलवेयर और सॉफ्टवेयर की मदद से आम लोगों के फोन को भी हैक किया जा सकता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण फाइनेंशियल फ्रॉड का होता है. आइये आपको बताते है कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि आपका जमोबिले हैक हुआ है कि नहीं?
डाटा यूज का बढ़ना
आपका फोन पहले से ज्यादा बैटरी का यूज करने लगा है तो आपको चिंता करने की जरूरत है. हर बार बैटरी खराब होने की वजह से ही आपके फोन की बैटरी जल्दी नहीं खत्म हो जाती है. कई बार मैलवेयर सॉफ्टवेयर बैकग्राउंड में चलते रहते हैं. इस वजह से बैटरी की खपत बढ़ जाती है. इसके अलावा अगर आपके फोन की परफॉर्मेंस अचानक कम हो गई है और ये बार-बार रीस्टार्ट हो रहा है तो आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
फोन में अंजान ऐप्स
अगर आप फोन में उन ऐप्स को देखते हैं जो आपने इंस्टॉल किया ही नहीं तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है. इसके अलावा आपके फोन के ऐप्स चलते-चलते कुछ टाइम के लिए फ्रीज हो जाते हैं तो भी आपको सावधान होने की जरूरत है. कई बार फोन पर पॉपअप एड भी आने लगते हैं. अगर ये सभी चीजें आपके फोन के साथ हो रही है तो आपको तुरंत स्टेप्स फॉलो करने की जरूरत है. इसके लिए आप सबसे पहले अपने फोन को फैक्ट्री रिसेट कर दें. इसके अलावा आप अपने बैंकिंग पासवर्ड, ईमेल्स और दूसरे अकाउंट्स के लॉगिन पासवर्ड को बदल लें.
डाटा यूजेस का बढ़ना
एक इनफैक्टेड डिवाइस मैलेशियस सर्वर से काफी ज्यादा कम्यूनिकेट करता है. ये सर्वर से एडिशनल मैलवेयर को डाउनलोड करके खुद को अपडेट करता रहता है. इसके अलावा ये कॉन्टैक्ट, इमेज और दूसरे यूजर्स के डेटा को सर्वर पर भेजता रहता है. इससे आपका डेटा का यूज काफी बढ़ जाता है. इसके अलावा भी आपको दूसरे पैरामीटर्स को देखने होंगे.
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