सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और डीजीपी मुकुल गोयल लगातार अफसरों को आदेश दे रहे हैं कि भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मियों को सबक सिखाया जाए और ईमानदार जवानों को ही जिम्मेदारी वाली ड्यूटी दी जाए. इसी के अंतर्गत बरेली जिले के आईजी ने बरेली , बदायूं, शाहजहांपुर, और पीलीभीत के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिये हैं कि एसओजी तथा क्राइम ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मियों के बारे में ये पता लगाया जाये कि कहीं कोई दागी चेहरा तो शामिल नहीं है. अगर कोई ऐसा निकलता है, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही हो तो उन सभी को चिन्हित किया जाए.
आईजी ने दिए ये आदेश
जानकारी के मुताबिक, बरेली रेंज में आईजी रमित शर्मा ने मण्डल के सभी पुलिस कप्तानों को सख्त आदेश दिया है कि वो क्राइम ब्रांच और एसओजी में तैनात पुलिस कर्मियों का व्यक्तिगत सत्यापन कराएं और ये पता लगायें कि इनके खिलाफ दूसरे जिलों में कोई एफआईआर तो दर्ज नहीं है. किसी पुलिसकर्मी की भ्रष्टाचार की कोई जांच तो नहीं चल रही है. ऐसे पुलिसकर्मी जो बाहर से जनपदों में आए हैं और उनको क्राइम ब्रांच और एसओजी में तैनात किया गया है, क्या उन पुलिसकर्मियों का प्रशासनिक आधार पर तो ट्रांसफर नहीं किया गया है. अगर किया गया है तो ऐसे लोग भी चिन्हित किया जाए. मंडल के चारों जिलों में तैनाती अवधि का ब्यौरा भी पुलिस महानिरीक्षक ने तलब किया है. साथ ही कहा गया है कि भ्रष्टाचार करने वाले पुलिस वालों को जरूर चिन्हित किया जाये.
अब तक हुई 15 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
बता दें कि कीउच्च समय पहले ही आईपीएस रमित शर्मा ने 25 साल से अपने कार्यालय में तैनात अंगद पांव समेत 15 अन्य पुलिसकर्मियों की छुट्टी कर दी है. इन सभी पुलिसकर्मियों को मूल तैनाती जनपद रवाना कर दिया गया है. आईजी रेंज बरेली रमित शर्मा के इस नये फरमान के बाद बदायूं, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर जनपदों में तैनात वर्दी वालों में हड़कंप मचा है. उस समय उन सभी जिलों की पुलिस विभाग में सनसनी फैली गयी है. आईजी ने ये भी पूरी तरह से साफ़ कर दिया है कि वो रेंज में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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