बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक चमत्कारिक घटना सामने आ रही है. यहाँ गंगा के किनारे पर सफाई के दौरान ‘राम’ नाम लिखा एक पत्थर गंगाजल में तैरता हुआ मिला. क्षेत्रीय लोग पत्थर को रामसेतु का हिस्सा बता रहे हैं. पत्थर पर ‘राम’ नाम लिखा होने से श्रद्धालु इसे देखने के लिए गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं और इसकी पूजा भी कर रहे हैं. गंगा विचार मंच नमामि गंगे योजना के जिला प्रभारी सौरभ सिंघल ने पत्थर को बैराज पर स्थापित कर यहां मंदिर बनाने की बात कही है.
गंगा विचार मंच और नमामि गंगे योजना के जिला संयोजक सौरभ सिंघल द्वारा हर शाम बैराज गंगा घाट पर हरिद्वार की तर्ज पर मां गंगा की आरती की जाती है. समय समय पर तट पर सफाई अभियान भी चलाया जाता है. गुरुवार को सागर, जौली, सतेंद्र आदि श्रद्धालु गंगा तट पर सफाई कर रहे थे. इस बीच उनकी नजर पानी में तैरता पत्थर दिखा. उन्होंने धारा में जाकर पत्थर को बाहर निकाला. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पर ‘राम’ नाम लिखा हुआ था. इसकी जानकारी पर काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा बैराज पर पहुंच गये.
देखा कि यह एक पत्थर था और इस पर नाम राम लिखा हुआ है. पत्थर पर लिखे शब्द एकदम स्पष्ट हैं और देखने में बहुत पुराने लग रहे हैं. राम नाम लिखा पत्थर गंगाजल में तैरता इस बीच श्रद्धालुओं ने पत्थर को कई बार गंगा की धारा में छोड़ा, लेकिन पत्थर तैरता रहा. श्रद्धालुओं का दावा है कि यह पत्थर रामसेतु का हिस्सा है.
बता दें भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए रामसेतु का निर्माण कराया था. रामसेतु को नासा के वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं. कुछ ही दिनों पहले वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के बाद कहा था कि रामसेतु प्राकृतिक नहीं है बल्कि मानव निर्मित है. रामसेतु का पत्थर मानकर श्रद्धालु इसकी पूजा कर रहे हैं.
पत्थर स्थापित कर मंदिर बनवाएंगे
नमामि गंगे योजना के जिला संयोजक सौरभ सिंघल का कहना है कि पत्थर को रोज आरती में रखकर पूजन अर्चना की जाएगी. जल्दी ही गंगा बैराज पर मंदिर का निर्माण होगा. जाएगा और विधि विधान से वहां ‘राम’ नाम लिखे पत्थर को स्थापित किया जाएगा. यहां समय समय पर महाआरती का आयोजन भी कराया जाएगा.
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