हाल में ही 26 मार्च को हाथरस लोकसभा सीट से किए गए नामांकन में राजवीर दिलेर ने स्वयं को इंटरमीडिएट बताया है. उनके शपथ पत्र से योग्यता और संपत्ति का मिलान करते समय यह जानकारी कुछ लोगों के सामने आई, जिसके बाद विरोधी दल भी सक्रिय हो गए हैं. साल 2017 में इगलास विधानसभा क्षेत्र से पर्चा दाखिल करते समय पूर्व सांसद किशनलाल दिलेर के बेटे राजवीर दिलेर (61) ने अपनी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल फेल बताई थी. जो कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए शपथ पत्र में बिल्कुल स्पष्ट है. राजवीर के रिकॉर्ड के अनुसार साल 1978 में उन्होंने गभाना के लक्ष्मीराज इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा दी थी, लेकिन इसमें पास नहीं हो सके थे.
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अभी इस सत्र की चल रहीं परीक्षा शिक्षाविदों के अनुसार फरवरी-मार्च 2017 में उप्र विधानसभा के चुनाव हुए थे. यदि राजवीर उस समय हाईस्कूल फेल थे तो अभी इंटर पास नहीं कर सकते, क्योंकि पहले साल 2017 की परीक्षा में उन्हें हाईस्कूल उत्तीर्ण करना पड़ता और उसके बाद वर्ष 2019 में इंटर हो पाता, लेकिन अभी इस सत्र का परिणाम नहीं आया है. बता दें साल 2017 के उप्र विधानसभा चुनाव में उनकी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल फेल थी. लेकिन अब इंटरमीडिएट हो गई है.
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हाथरस जिले बीजेपी प्रत्याशी राजवीर दिलेर ने कहा- ‘मैंने जान-बूझकर कुछ नहीं किया. हो सकता है कि जल्दबाजी में फॉर्म भरने के दौरान शैक्षिक योग्यता में कोई गलती हो गई हो. मेरा इरादा कतई गलत नहीं है.
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वहीं इस मामले पर हाथरस जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा- ‘सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी हो चुकी है. स्क्रूटनी से पहले अगर कोई आपत्ति आती तो हम उस पर विचार कर निर्वाचन आयोग को भेज सकते थे. लेकिन अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता. अब जिसे भी आपत्ति है, वह 23 मई के बाद कोर्ट के माध्यम से वाद दायर कर सकता है.
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द अलीगढ़ बार एसोसिएशन के महासचिव अनूप कौशिक ने कहा- ‘नामांकन के साथ प्रत्याशी इस बात का शपथ देता है कि जो जानकारियां दी गई हैं, वह सत्य हैं. अगर किसी बिंदु पर जानकारी झूठी पाई जाती है तो प्रत्याशी के खिलाफ धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज हो सकता है. चाहे वह जानकारी शैक्षिक योग्यता से जुड़ी क्यों न हो. जिला प्रशासन निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज सकता है.
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