दलितों को रिझाने के लिए बीजेपी का नया नारा, ‘मोदी जी की दूसरी पारी, पिछड़े वर्ग की जिम्मेदारी’

2019 में बीजेपी को फिर से सत्ता में लाने की कवायद में जुटी यूपी बीजेपी पिछड़ों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. फिर चाहें वो SC/ST या प्रदेश में पिछड़ो को लेकर की जानी वाली सभाएं.

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने सामाजिक प्रतिनिधि बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछड़े वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कृत संकल्पित होकर काम किया है. भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा आयोजित की जा रही ‘सामाजिक प्रतिनिधि बैठक’ में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पाण्डेय एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद थे.

 

इन दोनों नेताओं ने पार्टी के मिशन 2019 के तहत लोकसभा चुनावों में ‘‘74 प्लस’’ लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़कर प्रयास करने को कहा. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चाहे केन्द्र की मोदी सरकार हो या प्रदेश की योगी सरकार दोनो ने पिछड़े वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाकर उनको लागू करने का काम किया है.

 

सामाजिक प्रतिनिधि बैठक को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पिछड़ा वर्ग जब मोर्चा संभालता है और जिसके साथ खड़ा हो जाता है उसकी नैया पार करा देता है. उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस के साथ पिछड़ा वर्ग जब खड़ा हुआ उसकी नैया पार हो गयी. किंतु अब उनकी नैया डुबोने का वक्त आ गया है, क्योंकि आज पिछड़ा वर्ग समझ चुका है कि सपा, बसपा, कांग्रेस उसका कल्याण नहीं कर सकता है.

 

मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं पिछड़े वर्ग से आते है और उन्हें सभी वर्गो ने 2014 में प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट किया. अब 2019 के लिए एक बार पुनः पिछड़ा वर्ग को मोदी जी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने के लिए चट्टान की तरह खड़ा होना है.

 

उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा के 73 सांसद उप्र से जीतकर गये थे लेकिन 2019 में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश से अपील की है कि इस बार कम से कम 74 सांसद बनाना है. उन्होंने कहा कि कि वह इसलिए एक नारा दे रहे हैं, ‘मोदी जी की दूसरी पारी, पिछड़े वर्ग की जिम्मेदारी’. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के पद पर नरेन्द्र मोदी न होते तो क्या आज गरीबों के बैंक खाते, आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन मुफ्त मिल पाते.

 

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग होती रही, आज पिछड़ा वर्ग की शासन, प्रशासन, नौकारियों में बड़ी हिस्सेदारी है. प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा-कांग्रेस होती तो यह आयोग कभी न बना पाता.

 

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