पुलवामा आतंकी हमले का जवाब भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान को आर्थिक रूप में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन कर दिया है, जिसका असर यह है कि कुछ ही दिनों के अंदर पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था ने घुटने तक दिए है. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, वाघा बॉर्डर पर सैकड़ों ट्रक अरबों रूपए का माल लिए खड़े हैं. बता दें कि, मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनते ही पाकिस्तान को भारत में सामान बेचने के लिए 200% इम्पोर्ट ड्यूटी देनी होगी जो पाकिस्तान के लिए नामुमकिन है.
पाकिस्तान के एक चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को पुलवामा हमले से पहले ट्रक के जरिए अरबों रुपए का छुहारा वाघा बॉर्डर से भारत में एक्सपोर्ट होना था. और अब भारत सरकार द्वारा 200% 200% इम्पोर्ट ड्यूटी के ऐलान के बाद यह माल वहीं बॉर्डर पर पड़ा है. एक ट्रक में तकरीबन 15 लाख रुपए का माल है. 200% इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद 15 लाख रुपए के सामान पर 30 लाख रुपए की ड्यूटी लगा दी गई है.
इसके बाद लाहौर से आ रहे कई ट्रक बॉर्डर पहुंचे बिना ही लौट रहे हैं. पाकिस्तान की कई छुहारा मार्केट में कारोबार बंद हो चुका है. पिछले पांच दिनों में पाकिस्तान सरकार और वहां के कारोबारियों को अरबों रुपए का नुकसान हो चुका है. अन्य भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय कारोबारियों ने भी पाकिस्तान से आने वाले सामानों का बहिष्कार किया है.
पाक को नहीं मिलेगी चाय
इस हमले से गुस्साए भारत के चाय उत्पादकों ने भी कहा है कि वे पाकिस्तान को चाय निर्यात कम कर देंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2018 में भारतीय चाय उत्पादकों ने पाकिस्तान में 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय निर्यात की थी. चाय उत्पादकों का कहना है कि अब वे पाकिस्तान की बजाय मिस्र, मध्य पूर्व और रूस जैसे देशों में चाय निर्यात करने के बारे में सोचेंगे.
पाकिस्तानी सीमेंट का भी हुआ बहिष्कार
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय कारोबारियों ने पाकिस्तान पर तौर आर्थिक दिशा में ऐसा हमला किया है कि उसकी कमर टूट गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय कारोबारियों ने पाकिस्तान से सीमेंट के आयात पर रोक लगते हुए पाकिस्तान से आए सीमेंट के 600-800 कंटेनरों को वापस कर दिया है. वापस किए गए सीमेंट के 600-800 कंटेनर कराची पोर्ट, कोलंबो और दुबई पोर्ट पर पड़े हैं. बता दें कि सालाना आधार पर भारत को पाकिस्तान 7 से 8 करोड़ डॉलर (500-572 करोड़ रुपये) की सीमेंट बेचता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान वित्त वर्ष में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान ने भारत को 6.48 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया. वहीं अगर 2017-2018 की बात करें तो पाकिस्तान ने 12.12 लाख टन सीमेंट भारत को भेजा था.
भारतीय किसानों ने टमाटर देने से किया इंकार
मध्य प्रदेश के झाबुआ के किसानों ने अपना टमाटर पाकिस्तान को भेजने से साफ इंकार कर दिया है. अब आलम ये है कि पाकिस्तान में टमाटरों की कीमत आसमान छू रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के लाहौर में टमाटर 180 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. टमाटर के बढ़ते दामों की वजह भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में पड़ी खटास है और पाकिस्तान को भारत से दुश्मनी अब काफी मंहगी पड़ने लगी है. क्योंकि, अब तक टमाटर भारत से निर्यात करते थे. बात दें कि, यह पहली बार नहीं जब पाकिस्तान में टमाटर के दाम ऐसे है. इससे साल 2017 में भी दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के चलते आपूर्ति बंद कर दी गयी थी. जिसके बाद लाहौर और पंजाब प्रांत के कुछ हिस्सों में टमाटर की कीमत बढ़कर 300 रुपये किलो के स्तर पर जा पहुंची थी.
पुलवामा हमले का असर
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने का फैसला किया था. इसके बाद से भारत पर पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर किसी भी सीमा तक शुल्क बढ़ाने का अधिकार था. पाकिस्तान से आयात होने वाली दो प्रमुख वस्तुएं फल और सीमेंट हैं. अब तक फलों पर 30-50% और सीमेंट पर 7.5% कस्टम ड्यूटी लगती थी. अब यह ड्यूटी बढ़कर सीधे 200% हो चुकी है. भारत-पाकिस्तान के बीच सालाना 17 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है. इसमें भारत की 80% और पाक की 20% हिस्सेदारी है.
आयात-निर्यात के आकड़ें
भारत-पाकिस्तान को चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, टायर, रबड, समेत 14 वस्तुओं का प्रमुख रूप से निर्यात करता था. वहीं भारत, पाकिस्तान से कुल 19 प्रमुख उत्पादों का आयात करता है. इन उत्पादों में अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्ट और स्क्रैप, कॉटन यॉर्न जैसे उत्पाद शामिल थे
भारत ने 1996 में पाक को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था
मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे ज्यादा तरजीही वाला देश. विश्व व्याफपार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सहूलियत लाने के लिए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है. जिस देश को यह यह दर्जा मिलता है, उसे आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. भारत ने 1996 में पकिस्तान को मोस्टं फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था. 2016 में सिंधु जल समझौता खत्म करने के समय और उरी हमले के बाद भी भारत ने पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के संकेत दिए थे. हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इसे जारी रखा था. पाक ने कभी भी भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया.
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