सर्जिकल स्ट्राइक की वर्षगांठ से ठीक पहले भारत ने एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान से अपने जवानों के साथ हुई बर्बरता का बदला ले लिया है. इस बार सर्जिकल स्ट्राइक के लिए जम्मू-कश्मीर के जम्मू और राजौरी जिले के बीच नियंत्रण रेखा पर केरी उप सेक्टर को चुना गया.
हिंदी समाचारपत्र दैनिक जागरण के अनुसार यह ऑपरेशन भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स और सीमा सुरक्षा बल के विशेष कमांडो ने मिलकर किया. भारतीय टुकड़ी ने पाकिस्तानी क्षेत्र में दाखिल होकर कई बंकर तबाह कर लगभग 15 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया. पाकिस्तान के खिलाफ यह कार्रवाई पहली सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ से ठीक पहले गुरुवार को हुई है.
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 19 सितंबर को पाकिस्तान की बैट एक्शन टीम ने हमला करके सीमा सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार को शहीद कर दिया था. शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर कहा जा सकता था कि उन्हें यातनाएं देकर शहीद किया गया. इसके बाद ही सेना व सीमा सुरक्षा बल को बदला लेने का आदेश मिल गया था.
ऐसे हुई सर्जिकल स्ट्राइक
सूत्रों के अनुसार, राजौरी जिले की सुंदरबनी तहसील से लगभग 15 किलोमीटर दूर मल्ला क्षेत्र में गुरुवार रात सेना के 2 हेलीकॉप्टर कमांडो की टुकड़ी को उतारने के बाद वापस रवाना हो गए. इसी रात्रि ठोस रणनीति बनाकर कमांडो केरी बटल क्षेत्र से पाकिस्तानी क्षेत्र में दाखिल हुए.
एक घंटे से भी कम समय में पाकिस्तानी सेना के कई बंकर तबाह करने व लगभग 15 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर करने के बाद भारतीय जांबाज सुरक्षित अपने क्षेत्र में लौट आए. इस कार्रवाई के बाद सेना, सीमा सुरक्षा बल या सरकार की तरफ से कोई बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन इतना कहा जा रहा है कि हमने कड़ी कार्रवाई की है.
सीमा पार हलचल तेज, खाली कराए जा रहे गांव
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पार भी 2 दिनों से हलचल काफी बढ़ गई है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों को अपने घरों को खाली कर दूर हटने को कह दिया है. पाकिस्तानी सेना लोगों के लिए सीमा से दूर स्कूलों व मस्जिदों में रहने का प्रबंध कर रही है.
साथ ही सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है. सीमा पार काफी संख्या में पाकिस्तानी सेना के वाहनों को आते-जाते देखा जा रहा है. इससे साफ है कि भारतीय सेना की कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मचा हुआ है और वह भी किसी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है.
हालांकि इसकी सेना या सीमा सुरक्षा बल ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में यह जरूर स्पष्ट कर दिया था कि भारत ने अपने जवानों की मौत का बदला ले लिया है, लेकिन कहां-यह उन्होंने नहीं बताया था.
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