पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन से निपटने के लिए भारतीय सेना अपनी युद्ध कौशल को और बेहतर बनाने के लिए एक खास किस्म की नई योजना पर काम कर रही है. यह रणनीति एकदम नई है जिससे युद्ध की स्थिति में दुश्मनों को मात देने में मदद मिल सकती है. इसे इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स (IBG) नाम दिया गया है. आनेवाले कुछ महीनों तक पंजाब के वेस्टर्न कमांड में इसका अभ्यास भी किया जाएगा. नए प्लान को आर्मी ने रक्षा मंत्रालय के पास भेज दिया है. वहां से ऑर्डर के बाद परीक्षण किया जाएगा और सफल रहने पर इसे लागू किया जाएगा.
इस नए कांसेप्ट के मुताबिक ट्रेनिंग के दौरान सेना को दो टुकड़ों में बांटकर अभ्यास कराया जायेगा. इसमें से पहले का रोल क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन्स में आक्रमक भूमिका निभाने का होगा. वहीं दूसरा दल दुश्मन के हमले रोकने और अपने क्षेत्र का बचाव करने का काम करेगा. आर्मी इस कॉन्सेप्ट को ब्रिगेड व्यवस्था की जगह लाना चाहती है. आईबीजी खुद अपने आप में युद्ध की स्थिति से निपटने में सक्षम टीम होगी. वहीं ब्रिगेड व्यवस्था को युद्ध की स्थिति में साजो-सामान के लिए इंतजार करना पड़ता है. ब्रिगेड में कम से कम 3 से 4 यूनिटस् होती हैं. प्रत्येक यूनिट में 800 सैनिक होते हैं. वहीं आईबीजी कॉन्सेप्ट में युद्ध के सभी जरूरी सामान पर भी जोर होगा. जैसे तोप, टैंक, एयर डिफेंस आदि.
आईबीजी की आक्रमकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें टैंक्स की संख्या और क्वॉलिटी पर खासा ध्यान दिया गया है, जिससे वह दुश्मन की सीमा पर जाकर जमकर शक्ति प्रदर्शन कर सकें. हमले का काम आर्मी के मुख्य दलों का होगा. ये दल क्रॉस बॉर्डर होनेवाले आक्रमक ऑपरेशन्स को अंजाम देंगे. एक डिविजन में ऐसे कुल चार दल होंगे, जिनमें टैंक और तोप बड़ी संख्या में मौजूद होंगे.
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