धर्म परिवर्तन (conversion) कराने वाले गिरोह के चंगुल में फंसकर अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) बने कानपुर (Kanpur) के काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले के मूक-बधिर युवक आदित्य गुप्ता (Aditya Gupta) ने पूछताछ के दौरान एटीएस के सामने बड़ा खुलासा किया है। पता चला है कि देश भर में हो रहे धर्मांतरण के पीछे आईडीसी (इस्लामिक दावाह सेंटर) के साथ इंडोनेशिया के प्रतिबंधित संगठन आईडीएफ (इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट) का भी हाथ हैं। इसे एफपीआई (फ्रंट पेम्बेला इस्लाम) के नाम से भी जाना जाता है, जिसका नेटवर्क केरल समेत पूरे दक्षिण भारत में है।
आदित्य के खुलासे ने एटीएस को चौंकाया
आदित्य उर्फ अब्दुल कादिर ने बताया कि केरल में उसकी नौकरी लगवाने से लेकर रहने का इंतजाम तक इसी संगठन के लोग कराते हैं। ये लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं और सभाएं कर इस्लाम के प्रति मोटीवेट करते हैं। उसने पूछताछ के दौरान सांकेतिक भाषा में बताया कि जब वह केरल पहुंचा तो वहां पर आईडीएफ से संबंधित लोग मिले।
उन्होंने आदित्य की 7000 रुपए प्रति माह की सैलरी पर लेबर की नौकरी दिलाई। इसके बाद बर्तन धुलवाने का काम दिलाया। इन्हीं लोगों ने उसे 2500 रुपए पर किराए का कमरा भी दिलवाया था। आदित्य के मुताबिक, जब धर्म परिवर्तन करने वाले एक साथ जुटते थे तो इसी संगठन के लोग उनको संबोधित करते थे। सांकेतिक भाषा एक्सपर्ट भी उसमें शामिल होते थे।
कट्टरपंथी संगठन है आईडीएफ
आदित्य ने बताया था कि केरल निवासी साबिर और शाहद से वीडियो कॉल के जरिए उसकी बातचीत होती थी। यही दोनों उसको टेलीग्राम पर वीडियो भेजकर उसका माइंडवॉश करते थे। केरल में ये दोनों उनको मिले भी थे। ऐसे में सवाल है कि क्या ये दोनों इंडोनेशिया के प्रतिबंधित संगठन या पीएफआई से संबंधित हैं। इस पहलू पर जांच जारी है।
बता दें कि आईडीएफ का अगस्त 1998 में इंडोनेशिया में गठन किया गया था। ये एक कट्टरपंथी संगठन है। 30 जून 1999 में जनविरोधी मानते हुए इस संगठन को वहां प्रतिबंधित भी किया गया था। हिंसा के लिए प्रेरित करना और धर्म के प्रति कट्टरता पैदा करना मुख्य उद्देश्य है। इसका मुख्यालय जकार्ता में है। इसका फाउंडर मोहम्मद रिजिक शिहाब है। आखिरी बार दिसंबर 2020 में इस पर प्रतिबंध लगाया गया।
एटीएस द्वारा लखनऊ से गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम का आईडीसी संगठन धर्मांतरण के लिए काम कर रहा है। इस मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें कई अन्य बड़े संगठनों का नाम सामने आ रहा है। इंडोनेशिया के प्रतिबंधित संगठन का नाम सामने आने से जांच एजेंसियां हैरान हैं। यही नहीं, अब आशंका ये भी है कि पीएफआई का भी इसमें कहीं न कहीं हाथ है। फिलहाल, सुरक्षा व जांच एजेंसियों ने आईडीएफ, एफपीआई और पीएफआई के बारे में जानकारियां जुटाना शुरू कर दी हैं।
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