उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश (IPS Amitabh Yash) को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर (ADG Law & Order) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। शुक्रवार को यानी आज इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। अमिताभ यश के पास अपर पुलिस महानिदेशक एसटीएफ की भी जिम्मेदारी है। अमिताभ यश की यूपी के तेज तर्रार और धाकड़ आईपीएस अफसरों में गिनती होती है।
1996 बैंच के आईपीएस हैं अमिताभ यश
अमिताभ यश मूलरूप से बिहार के भोजपुर के निवासी है। उनके पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अफसर थे। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम दिया और परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बने। वह 1996 बैच के आईपीएस अफसर हैं।
अमिताभ यश सबसे पहले संतकबीरनगर के कप्तान बने थे। इसके साथ ही कानपुर, हरदोई, नोएडा, बाराबंकी, महाराजगंज, सहारनपुर, सीतापुर आदि जिलों में कप्तान रहे। तेज तर्रार छवि रखने वाले आईपीएस अमिताभ यश ने ददुआ से लेकर ठोकिया तक के एनकाउंटर में अहम भूमिका निभाई है। हाल में विकास दुबे से लेकर अतीक अहमद का किला गिराने में अहम योगदान रहा है।
2021 में मिली एसटीएफ के एडीजी की जिम्मेदारी
अमिताभ याश को साल 2007 में एसटीएफ एसएसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस दौरान अमितभा यश ने बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत ददुआ के विरुद्ध अभियान चलाकर उसे ढेर कर दिया था। यही नहीं, उनकी टीम ने डकैत ठोकिया को भी मौत के घाट उतार दिया था।
आईपीएस अमिताभ यश को चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराने का श्रेय भी दिया जाता है। साल 2017 में उन्हें एसटीएफ आईजी बनाया गया। फिर साल 2021 में एसटीएफ के एडीजी की जिम्मेदारी सौंपी गई। अमिताभ यश के नाम 150 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड है।
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