उत्तर प्रदेश में लाखों रुपए की रिश्वत लेने वाले एक आईपीएस को ही भगोड़ा घोषित कर दिया गया। दरअसल, पशुपालन टेंडर में करोड़ों का घोटाला करने वाले आरोपियों को बचाने के लिए तत्कालीन एसपी ने कई लाख की रिश्वत ली थी। जब से उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई तब से एसपी फरार हैं। जबकि उनके उपर ईनाम भी घोषित है। इसी के चलते आईपीएस को अब भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।
कोर्ट ने कहा ये
जानकारी के मुताबिक, भ्रष्टाचार निरोधक विशेष अदालत के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन और पशुपालन विभाग घोटाले के एक अन्य अभियुक्त अमित मिश्रा को भगोड़ा घोषित किया। अदालत ने यह आदेश गोमती नगर की अपर पुलिस आयुक्त और मामले की विवेचना अधिकारी श्वेता श्रीवास्तव द्वारा दाखिल की गई दो अलग-अलग अर्जियों पर पारित किए हैं।
ये है मामला
गौरतलब है कि, कारोबारी एमएस भाटिया ने ठेका दिलाने के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख रुपये की ठगी किए जाने के मामले में गत 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण की जांच के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन का नाम सामने आया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पशुधन विभाग में अवैध तरीके से निविदा का आवंटन कराया।
मुकदमे में 12 नामजद तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर कारोबारी एमएस भाटिया से नौ करोड़ 72 लाख रुपये ठग लिए बाद में पुलिस अधिकारियों की मदद से उसे प्रताड़ित किया गया तथा धमकाया गया। इस मामले में संलिप्तता सामने आने के बाद राज्य सरकार ने गत 22 अगस्त को सेन को निलंबित कर दिया था और मुकदमे में अभियुक्त के तौर पर उनका नाम जोड़ा गया था।
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