यूपी के संतकबीर नगर जिले के नगर पंचायत धर्मसिंहवा में आउटसोर्सिंग पर मैनपॉवर आपूर्ति के टेंडर प्रक्रिया में बड़ी अनियमितता सामने आई है। टेंडर प्रक्रिया में नगर प्रशासन ने 25 दिनों तक प्रक्रिया को रोकने के बाद पिछले दो साल से कार्यरत 203 फर्म से 200 फर्मों को अयोग्य कर दिया ।
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यह पूरा मामला
दरअसल, धर्मसिंहवां नगर पंचायत में मैन पावर सप्लाई के लिए एक माह पूर्व निविदा जैम पोर्टल पर निकाली गई थी । इस निविदा में आउट सोर्सिंग पर मैनपॉवर सप्लाई करने वाली कुल 203 फर्मों ने भाग लिया था। अधिशासी अधिकारी ने मनमाने ढंग से तकरीबन 25 दिनों तक टेंडर की प्रक्रिया को रोककर रखा था । प्रशासन ने अचानक 200 फर्मों को मैन पावर सप्लाई के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। टेंडर प्रक्रिया में लिपिक कुलदीप का यूजर आईडी, पासवर्ड किसी और व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।
वहीं, ठेकेदार केसरी राय का कहना है कि ईओ द्वारा कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई का पैसा खाते में जमा करने की बात कही जा रही है लेकिन उक्त को फर्म द्वारा समय पर लोगों के खातों में जमा कर दिया जाता है। जहां तक ईओ द्वारा एफडीआर जमा करने की बात कही जा रही है तो मेरे द्वारा खाते में ससमय पर पैसे को जमा किया गया है । यदि ऐसी बात है तो मैं अपनी पावती रसीद भी दिखा सकता हूं । ईओ ने जानबूझकर मेरे फॉर्म को रिजेक्ट करते हुए अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए और पूरा कारण स्पष्ट नहीं करना चाह रहे हैं । वहीं, सभासदों ने इस बात की शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि किसी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का कृत्य अक्सर किया जाता रहा है ।
पात्रता की शर्तों को पूरा करने वालों को आवंटित किया टेंडर: ईओ
नगर पंचायत धर्मसिंहवां के अधिशासी अधिकारी आशुतोष ओझा का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में सभी फर्मों को टेंडर आवंटित करना संभव नहीं होता है। समयांतर्गत तीन फर्मों ने ही पात्रता की शर्तों को पूरा किया है। लिहाजा, इन्हीं तीन फर्म में से एक फर्म को टेंडर आवंटित किया गया है।