इज़राइल (Israel) एक ऐसा छोटा सा देश, जिसकी सैन्य ताकत, तकनीकी चतुराई और खुफिया चपलता पूरी दुनिया को हैरान कर देती है। दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक चुनौतियों के बीच घिरे इस देश ने सुरक्षा को सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि एक विज्ञान बना दिया है।
IDF महिला शक्ति की मिसाल
इज़राइल उन चुनिंदा देशों में से है, जहां महिलाएं सेना (Israel Women Army) में अनिवार्य रूप से भर्ती होती हैं ,और वो भी 1948 से! आज IDF में हर तीसरा सैनिक एक महिला है। लेकिन ये महिलाएं सिर्फ मेडिकल या प्रशासनिक काम नहीं करतीं, बल्कि मोर्चे पर दुश्मन से दो-दो हाथ करने से लेकर साइबर हमलों की रोकथाम और गुप्त अभियानों तक में आगे रहती हैं। IDF की महिला सैनिकों को अक्सर ऑफ-ड्यूटी हथियार रखने की अनुमति होती है । ये कोई स्टाइल स्टेटमेंट नहीं, बल्कि ज़मीनी ज़रूरत है। हर हथियार एक सुरक्षा कवच है, और हर सैनिक एक चलता-फिरता सुरक्षा बल। लेकिन इस ‘अधिकार’ के साथ आती है कठोर ट्रेनिंग और सख्त नियमों की ज़ंजीर।
मोसाद खुफिया एजेंसी
इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का नाम लेते ही दुनिया की कई बड़ी एजेंसियों की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। यह एजेंसी न केवल दुनिया के किसी भी कोने में दुश्मन को ढूंढ निकालती है, बल्कि वो भी बिना कोई शोर किए। मोसाद की टेक्नोलॉजी से लैस नेटवर्किंग, AI आधारित ट्रैकिंग, और मानव खुफिया तंत्र (HUMINT) इसे विश्व की सबसे कुशल एजेंसियों में शुमार करता है।
इज़राइल, तकनीक में अव्वल
इज़राइल ने ड्रोन तकनीक, साइबर सुरक्षा, और मिसाइल रक्षा प्रणाली (Iron Dome) के जरिए युद्ध के नियम ही बदल दिए हैं। जहाँ दुनिया मिसाइलों से डरती है, वहाँ इज़राइल उन्हें हवा में ही नष्ट कर देता है। साइबर हमलों को रोकने के लिए यहां ऐसे AI सिस्टम हैं, जो खतरे को पहले ही सूंघ लेते हैं।
नतीजा?
एक ऐसा देश जो आकार में छोटा है, पर ताकत, सोच, और सुरक्षा के मामले में महाशक्तियों को भी टक्कर देता है। और इस पूरी मशीनरी का दिल महिला सैनिकों से लेकर साइबर इंजीनियरों तक हर व्यक्ति अपनी भूमिका में ‘रक्षा’ से कहीं आगे जाकर ‘स्मार्ट सुरक्षा’ का प्रतीक बन चुका है।