‘राजनीतिक हथियार के रूप में न हो इस्तेमाल…’, जातिगत जनगणना पर RSS का बयान

केंद्र सरकार द्वारा 30 अप्रैल को जातिगत जनगणना (Caste Census) कराने की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। इस निर्णय से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बीच अहम बैठक हुई थी। इसे संघ की संभावित सहमति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

RSS की प्रतिक्रिया

सूत्रों के अनुसार संगठन ने इस पर अपनी संवेदनशीलता और सतर्कता जाहिर की है। संघ का कहना है कि जातिगत आंकड़ों को सिर्फ ‘राजनीतिक हथियार’ के तौर पर नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। संघ पहले से ही जाति के आधार पर सामाजिक विभाजन और भेदभाव का विरोध करता आया है। संगठन का मानना है कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के बीच क्रीमी लेयर या उप-वर्गीकरण जैसे संवेदनशील विषयों पर निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों से संवाद करना जरूरी है।

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समाज की एकता और समरसता पर जोर

RSS अपने ‘सामाजिक समरसता’ अभियान के तहत लंबे समय से हिन्दू समाज को एकजुट करने की दिशा में कार्य कर रहा है। संघ का मानना है कि जातिगत मुद्दों को राष्ट्र की एकता और अखंडता की दृष्टि से देखा जाना चाहिए, न कि सिर्फ चुनावी लाभ के नजरिए से।

कल्याण के लिए हो डेटा का इस्तेमाल

आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील अंबेकर ने एक पूर्व बयान में कहा था कि संघ को जाति आधारित डेटा संग्रहण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इसका इस्तेमाल उन वर्गों के कल्याण के लिए हो, जो वंचित और पिछड़े हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि यह डेटा पहले भी इकट्ठा किया जाता रहा है, लेकिन इसका उपयोग नीतिगत फैसलों में होना चाहिए, न कि राजनीति में।

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जातिगत गणना से होगा सामाजिक न्याय

बिहार जैसे राज्यों में पहले से लागू जातिगत जनगणना और अब राष्ट्रीय स्तर पर RSS का समर्थन मिलने से केंद्र सरकार को इस दिशा में आगे बढ़ने में वैचारिक रूप से मजबूती मिली है। यह कदम न केवल सामाजिक और आर्थिक नीतियों को मजबूती देगा, बल्कि चुनावी विमर्श को भी नए सिरे से परिभाषित करेगा।

नीतियों को मिलेगा ठोस डेटा का आधार

भारत जहां आज भी सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और प्रतिनिधित्व की चुनौतियों से जूझ रहा है, वहां जातिगत जनगणना एक मजबूत सांख्यिकीय नींव प्रदान कर सकती है। यह कदम सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में भी एक अहम अवसर बन सकता है।

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