जेल अधीक्षक ने गर्म लोहे से मुस्लिम कैदी साबिर की पीठ पर लिखा ‘ओम’

भारत की राजधानी दिल्ली से धर्मांतरण को लेकर बड़ा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है. तिहाड़ जेल में बंद एक मुस्लिम कैदी को जेल अधीक्षक ने बुरी तरह से पीटा और फिर उसकी पीठ पर गर्म लोहे से ‘ओम’ लिख दिया. दिल्ली की एक अदालत ने जेल अधीक्षक के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. यह मामला उस वक्त सामने आया जब मुस्लिम युवक के परिवार ने कोर्ट में शिकायत में कहा कि ‘जेल में उनके बेटे की जिंदगी खतरे में है और उसे टॉर्चर किया जा रहा है’.


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बता दें पीड़ित शख्स का नाम साबिर उर्फ नाबिर उर्फ पोपा है. जिसकी उम्र 34 वर्ष की है और वो दिल्ली के न्यू सीलमपुर का निवासी है. वह साल 2016 के मार्च महीने से तिहाड़ जेल में कैद है. 12 अप्रैल को साबिर ने जेल नंबर 4 के अधीक्षक राजेश चौहान से कहा था कि उनके बैरक का इंडक्शन स्टोव काम नहीं कर रहा. उसकी शिकायत से गुस्साए अधिकारी ने साबिर को अपने दफ्तर में बुलाया और वहां उसे बुरी तरह पीटा गया. इसके बाद राजेश चौहान समेत अन्य अफसरों ने उसे यातनाएं दीं. उसे कथित तौर पर 2 दिनों तक खाना नहीं दिया गया. साबिर ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार को बताया कि अधीक्षक ने नवरात्र के नाम पर उसे 2 दिन तक खाना नहीं दिया और कहा कि वह उसका हिंदू धर्म में धर्मांतरण करा देगा.


मामला सामने आने के बाद कोरà¥à¤Ÿ ने जांच के आदेश दे दिठहैं.

साबिर की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर बृहस्पतिवार को उसे कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान उसने जेल में प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उसने अपनी टी-शर्ट उतारकर पीठ पर छपा हुआ ‘ओम’ दिखाया. पीड़ित के वकील जगमोहन ने अपने मुवक्किल के साथ हुई ज्यादती की जांच कराने का अनुरोध किया. इस पर कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन को 24 घंटे में जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी कर जेल प्रशासन को उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.


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साबिर अवैध हथियार सप्लाई करने के मामले में आरोपी है और उसे अति सुरक्षा वाली सेल नंबर-चार में रखा गया है. उसने 2 दिन पहले परिवार को बताया था कि उसके साथ जेल में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है. इसी कारण गुरुवार को जब उसे कोर्ट में पेश किया गया था तो उसके वकील जगमोहन और परिवार के सदस्य भी कोर्ट पहुंच गए थे.


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इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने जांच का आदेश देते हुए कैदी की मेडिकल जांच कराने को कहा है. साथ ही जांचकर्ताओं से कहा है कि वह सीसीटीवी फुटेज और अन्य कैदियों का बयान लें. कोर्ट ने जेल प्रशासन को कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश देते हुए कहा कि साबिर को तुरंत जेल अधीक्षक राजेश चौहान की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निगरानी से हटाया जाए. जेल अधिकारियों ने कहा कि साबिर इरफान गैंग का सदस्य है, जो महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत कत्ल और आर्म्स एक्ट के तहत जूडिशल कस्टडी में है. वह न सिर्फ आदतन बल्कि जेल अपराधी भी है, जिसने कई बार जेल के कानून तोड़े हैं.


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