लेखक, शायर और गीतकार जावेद अख्तर का बड़ा बयान सामने आया है. बुर्का बैन की मांग पर अख्तर ने कहा कि अगर बुर्के पर बैन लगता है तो सरकार घूंघट पर भी बैन लगाए. केंद्र सरकार राजस्थान में लोकसभा सीटों के लिए 6 मई को होने वाले मतदान से पहले घूंघट प्रथा पर भी बैन लगाए.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने शायद मजबूरी में साध्वी प्रज्ञा को भोपाल सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया. अख्तर ने भाजपा के राज में लोकतंत्र पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भाजपा की यह विचारधारा है कि अगर तुम हमारे साथ नहीं, तो तुम एंटी नेशनल हो. अख्तर एक कार्यक्रम के सिलसिले में गुरुवार को भोपाल में थे.
अख्तर ने कहा कि 2019 का चुनाव देश के लिए महत्वपूर्ण है. ये चुनाव एक दोराह है, और जिस रास्ते पर देश जाएगा वो बहुत लंबा होगा. ये चुनाव तय करेगा कि मुल्क किस रास्ते पर जा रहा है. कई मोदी आएंगे और चले जाएंगे, देश है और रहेगा.
उन्होंने कहा कि प्रज्ञा सिंह को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारकर हार स्वीकार कर ली. साध्वी के श्राप से एक देशभक्त शहीद हो सकता है तो उन्हें ऐसा श्राप हाफिज सईद और दूसरे आतंकियों को भी देना चाहिए. दरअसल, प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था. इस पर चुनाव अयोग ने उन पर 72 घंटे का प्रतिबंध भी लगाया है.
जावेद ने कहा कि मैं न भाजपा का हूं न कांग्रेस का. मेरे बाप दादा कालापानी में मरे हैं. मुझे कोई देशभक्ति नहीं सिखाये. ऐसे कई मोदी आए और गए. हिंदुस्तान है और हमेशा रहेगा. उनके पास कुछ नही बचा था तो वो प्रज्ञा के जरिये खुलकर अपने असल रूप में आ गए हैं. आप प्रज्ञा को चुनाव लड़वाएँगे और ये उम्मीद करेगे लोग उसे वोट दें. क्या यही मिली थी भोपाल के लिए. प्रज्ञा को खड़ा करना ये बताता है कि आप भोपाल के लोगो को कितना तुच्छ समझते हैं. रावण जब सीता हरण के लिए आया था तो वो साधु बनकर आया.
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