राजपथ पर छाई UP की ‘काशी विश्वनाथ धाम’ की झांकी, सोशल मीडिया पर मिल रही सराहना

भारत में आज 73वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया गया है। स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के तहत विभिन्न विषयों पर तैयार 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शित की गईं। इन झांकियों में उत्तर प्रदेश से काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ धाम की झांकी आकर्षण का एक बड़ा केंद्र रही। उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार विशेष रूप से बाबा विश्वनाथ के धाम के साथ ही काशी के गंगा घाटों की संस्कृति को विशेष रूप से शामिल किया गया था।

यूपी की झांकी में था ये खास

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसबर को 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम विश्व को समर्पित किया। जिसके बाद आज राजपथ पर हुई परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में बाबा के धाम की झांकी और बनारस के घाट पर संस्कृति की झलक को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी की शुरुआत प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के एक मॉडल से हुई। बताया जाता है कि होलकर साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने 1780 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया था।

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जैसे-जैसे झांकी राजपथ पर बढ़ती गई, उसके साथ बजते गीत ने नए काशी विश्वनाथ धाम के प्रदर्शन के बीच यह बयां किया कि इसने कैसे श्रद्धालुओं को मंदिर और गंगा के बीच सीधा संपर्क दिया है। झांकी में काशी विश्वनाथ धाम के तीन प्रवेश द्वारों की झलक भी पेश की गई। इसमें एक तरफ बनारस के लोकप्रिय घाट नजर आए, जिन पर पंडे और आम श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते दिखे। झांकी में बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार के साथ ही धर्म नगरी काशी की परंपरा, कला और संस्कृति के रंग मां गंगा के संग नजर आया। प्रदेश की झांकी में इस बार काशी विश्वनाथ धाम के अलावा एक जिला एक उत्पाद को शामिल किया गया है।

गुजरात की झांकी

गुजरात की झांकी ने 1922 में आदिवासियों के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रदर्शित किया, जब पाल और दधवाव गांवों के भील जनजाति मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में एकत्र हुए थे। वह हजारों आदिवासियों को ब्रिटिश और सामंतों द्वारा लगाए गए भू-राजस्व व्यवस्था के विरोध में संबोधित कर रहे थे। जब ब्रिटिश अधिकारी मेजर एचजी सैटर्न ने फायरिंग का आदेश दिया और 1200 निर्दोष आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी ।

हरियाणा की झांकी

गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झांकी की थीम  ‘खेल में नंबर वन’ के साथ हिस्सा लिया।

उत्तराखंड की झांकी

73वें गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, डोबरा-चंटी ब्रिज और बद्रीनाथ मंदिर को दर्शाया गया है।

मेघालय की झांकी

मेघालय की झांकी ने राज्य के 50 साल पूरे होने और महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीएस) को दी गई श्रद्धांजलि को प्रदर्शित किया। झांकी में बांस और बेंत के हस्तशिल्प और लकडोंग हल्दी का प्रदर्शन किया गया, जिसमें सामने के हिस्से में एक महिला को बांस की टोकरी और मेघालय के कई बांस और बेंत उत्पादों को दर्शाया गया है। पिछले हिस्से में लकडोंग हल्दी की पारंपरिक खेती और प्रसंस्करण को दर्शाया गया है।

गोवा की झांकी

गोवा की झांकी ‘गोअन हेरिटेज के प्रतीक’ विषय के साथ, फोर्ट अगुआडा को प्रदर्शित किया गया था, जिसे 1612 में संभावित डच आक्रमणों से बचाव के लिए पुर्तगालियों द्वारा बनाया गया था। गोअन लिबरेशन स्ट्रगल के दौरान  किले में एक केंद्रीय जेल के रूप में था, जहां स्वतंत्रता सेनानियों को लंबी सजा के लिए लिस्बन में निर्वासित करने से पहले कैद किया गया था। अगुआड़ा का किला गोवा की झांकी का हिस्सा है।

जम्मू कश्मीर की झांकी

जम्मू और कश्मीर की झांकी ने हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में केंद्र शासित प्रदेश के ‘बदलते चेहरे’ को दर्शाया। झांकी के सामने के हिस्से में कटरा स्थित माता वैष्णो देवी भवन को दिखाया गया है, जबकि पीछे के हिस्से में भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, एम्स और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना की जा रही है।

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