कानपुर शूटआउट के बाद चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मी सवालों के घेरे में आ गए हैं। इसी के चलते कानपुर एसएसपी दिनेश पी ने सख्त कदम उठाते हुए पूरे थाने को ही लाइन हाज़िर कर दिया। इसके अलावा उन्होंने जिले में लगभग 122 पुलिसकर्मियों का तबादला किया। पूरे थाने में अब नए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। ये बात पहले ही साफ हो चुकी है कि मुखबिरी के मामले में जो भी पुलिसकर्मी आरोपी निकलेगा उसको बर्खास्त करते हुए उस पर हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा।
इसलिए किया लाइन हाज़िर
एसएसपी के मुताबिक जांच में पाया गया कि बदमाश विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर थाने के सभी पुलिसकर्मी हैं। इसलिए सभी 13 दरोगा, 10 हेड कांस्टेबल, 45 कांस्टेबल लाइन हाजिर कर दिया गया है। प्रत्येक पुलिसकर्मी पर मुखबिरी के साथ विकास दुबे का साथ देने का आरोप है। निलंबित एसओ विनय तिवारी की विकास से यारी थी। हलका इंचार्ज समेत हलके सिपाही उसके घर पर माथा टेकने जाते थे।
आईजी ने कहा ये
आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी, 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और बर्खास्त भी होंगे। फिलहाल एसएसपी ने थाने के स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि विकास दुबे (Vikas Dubey) की सम्पत्ति कुर्क करने का फैसला भी लिया जा सकता है। विकास की कुछ और संपत्तियों के बारे में भी पता किया जा रहा है। सोमवार एक बार फिर उसके छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली से पूछताछ की गई। सोमवार को विकास और दीपक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
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