कानपुर हिंसा: SIT की जांच में सामने आए नए नाम, अफजाल व बाबर के 8 गुर्गे भी भीड़ में थे शामिल, मिला था खूनखराबा कराने का टारगेट

कानपुर (Kanpur) के नई सड़क और दादा मियां का हाता में हुए उपद्रव (Violence) में डी-2 गिरोह के आठ और गुर्गों की पहचान कर ली गई है। उपद्रवियों की भीड़ में शामिल यह अपराधी गिरोह के सरगना कुली बाजार निवासी अतीक के भाई अफजाल (Afzal) और बाबर (Babar) के बुलावे पर आए थे। इन्हें भीड़ में शामिल होकर खूनखराबा कराने का टारगेट मिला था।

दरअसल, बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर कथित टिप्पणी के बाद कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद जमकर बवाल किया गया। इसके बाद यह मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छा गया। भीड़ के तोड़फोड़, पथराव व गोलीबारी करने के मामले में पुलिस ने बाजार बंदी का आह्वान करने वाले एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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वहीं, इसके अलावा 56 अन्य लोग भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मामले में डी-2 गैंग के अफजाल और बाबर के नाम पिछले दिनों जांच में सामने आए थे। यह भी पता चला कि हिंसा के समय दोनों की लोकेशन परेड के आसपास ही थी। अब विशेष जांच टीम (एसआइटी) की जांच में अफजाल व बाबर से जुड़े गिरोह के आठ और गुर्गों की पहचान हो गई है।

मोबाइल सर्विलांस और मुखबिरों के माध्यम से पता चला है कि यह आठों अपराधी भीड़ में शामिल थे। बता दें कि इससे पहले डी-टू के गुर्गे इमरान कालिया, अफित रैनी की भाई, इरफान चड्ढी, शकील खिचड़ी चिह्नित किए जा चुके हैं। यह गुर्गे भीड़ को उकसाने के साथ पथराव व फायरिंग भी कर रहे थे। अब इनकी तलाश शुरू कर दी गई है।

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एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि उपद्रव से जुड़े मामले में डी-टू गैंग की संलिप्तता को लेकर जांच चल रही है। कई नए चेहरे चिह्नित किए गए हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

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