कपिल सिब्बल का वक़्फ़ संशोधन बिल पर केंद्र पर बड़ा हमला, बोले – सरकार का असली एजेंडा एक समुदाय को दबाना है

पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने बुधवार को वक़्फ़ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने और चुनावी फायदे के लिए उसे टारगेट करने के इरादे से लाया गया है।

एक समुदाय को परेशान करना सरकार का उद्देश्य 

लोकसभा में वक़्फ़ बिल पेश किए जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए सिब्बल ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का इस बिल के पीछे एकमात्र उद्देश्य है—एक समुदाय को परेशान करना।उन्होंने केंद्र सरकार की कई नीतियों, जैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), लव जिहाद और बुलडोजर न्याय का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी का इस्तेमाल सरकार एक खास धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए कर रही है।

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वोटिंग से होगा पार्टियों का असली चेहरा उजागर

सिब्बल ने कहा कि वक़्फ़ बिल पर होने वाली वोटिंग से पता चलेगा कि कौन सी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है और कौन सी अपने एजेंडे के तहत काम कर रही है। उन्होंने कहा, “यह देखना होगा कि इस बिल पर भाजपा के सहयोगी दल, जिनमें नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान की पार्टी शामिल हैं, किस तरह का रुख अपनाते हैं।”उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) वॉकआउट कर सकती है। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी इसी रणनीति पर चल सकती है ताकि भाजपा को संख्या के खेल में फायदा हो।उन्होंने यह भी बताया कि “नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने बिल के उस प्रावधान पर आपत्ति जताई है, जिसमें ज़िला कलेक्टर को ज़मीन की प्रकृति तय करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन केवल एक प्रावधान पर आपत्ति करना काफी नहीं है।”

हिंदू धर्म में सुधार क्यों नहीं?

कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि “प्रधानमंत्री मोदी हिंदू धर्म में सुधार क्यों नहीं करना चाहते? जब अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाता है, तब वे चुप क्यों रहते हैं?”उन्होंने हिंदू कोड बिल का हवाला देते हुए कहा, “इसमें महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता, क्योंकि एक खास वसीयत (Will) के आधार पर संपत्ति दी जाती है। महिलाओं को समान अधिकार से वंचित कैसे रखा जा सकता है?”उन्होंने तीन तलाक पर किए गए सुधारों को “सही और प्रगतिशील” बताया, लेकिन साथ ही कहा कि सुधार सभी धर्मों के लिए समान होने चाहिए, किसी एक विशेष समुदाय को टारगेट नहीं किया जाना चाहिए।

वक़्फ़ बोर्ड में अन्य धर्मों के लोगों को शामिल करने का विरोध

सिब्बल ने सरकार द्वारा वक़्फ़ बोर्ड में अन्य धर्मों के लोगों को शामिल करने के फैसले की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े वादे किए थे, लेकिन उनकी सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और लव जिहाद जैसे छोटे मुद्दों में उलझकर रह गई है।उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा, “स्मार्ट सिटी, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को क्यों भुला दिया गया है?”

‘धर्म आधारित राजनीति से सिर्फ अराजकता फैलेगी’

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि धर्म आधारित राजनीति से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलेगा, बल्कि इससे केवल नफरत फैलेगी और अराजकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि यह संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर देगा।

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