यूपी के कासगंज (Kasganj) जिले के सलेमपुर बीबी गांव में रामलीला के दौरान हुई एक घटना ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। रविवार रात को रामलीला देखने गए दलित व्यक्ति रमेश चंद्र ने मंच के सामने से उठाए जाने और पिटाई किए जाने से आहत होकर सोमवार को आत्महत्या कर ली। इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
क्या है पूरा मामला?
रमेश चंद्र की पत्नी रामरती ने बताया कि रविवार रात करीब नौ बजे रमेश गांव में चल रही रामलीला देखने गए थे। वह मंच के सामने लगी एक मेज पर बैठ गए, जो रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों को पसंद नहीं आया। आरोप है कि पदाधिकारियों के इशारे पर वहां मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने रमेश को उठाकर बाहर किया और भीड़ के सामने उनकी पिटाई की। इस अपमान से आहत होकर रमेश ने सोमवार सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला
इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “कासगंज में एक दलित को रामलीला के दौरान कुर्सी पर बैठने को लेकर पुलिस द्वारा अपमानित और पीटे जाने के बाद आत्महत्या का समाचार बेहद दुखद और सामाजिक रूप से चिंताजनक है। यह भाजपा सरकार द्वारा बढ़ावा दी जा रही प्रभुत्ववादी सोच का परिणाम है।”
उप्र के कासगंज में एक दलित को रामलीला देखते समय, मंच के क़रीब कुर्सी पर बैठने पर पुलिस द्वारा अपमानित व पीटे जाने के बाद उस दलित की आत्महत्या का समाचार बेहद दुखद और सामाजिक रूप से चिंताजनक है। आज़ादी का तथाकथित अमृतकाल मना रही भाजपा सरकार के समय में प्रभुत्ववादी सोच को जो बढ़ावा… pic.twitter.com/jVfIBmHnJZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 8, 2024
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समाज को मानसिक रूप से कमजोर करने के एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। अखिलेश ने भाजपा सरकार पर ऐसी घटनाओं को लेकर लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की और न्याय की मांग की।
पुलिसकर्मियों पर आरोप, जांच जारी
रमेश चंद्र की पत्नी रामरती ने आरोप लगाया कि उनके पति को पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमानित कर आत्महत्या के लिए उकसाया गया। इस मामले में दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है, लेकिन जांच अभी जारी है।
राजनीतिक बवाल, न्याय की मांग
इस घटना ने कासगंज और आसपास के क्षेत्रों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच, मामले की जांच चल रही है और समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।
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