उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) जनपद के डासना (Dasna) स्थित शिव-शक्ति पीठ के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yeti Narasimhanand Saraswati) की हत्या करने की कोशिश की गई है। बुधवार को 2 सदिंग्ध युवक मंदिर परिसर में दबे पांव घुस गए। गनीमत तो ये रही कि मंदिर के सेवादारों इन दोनों पर शक हो गया और उन्होंने इनकी तलाशी ले ली। इस दौरान इनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं। महंत के अनुयायियों ने बताया कि ये एक जानलेवा ड्रग ‘सायनायड’ है।
फिलहाल, दोनों संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। दोनों ने मंदिर के भीतर घुसते समय खुद को हिंदू बताया था, लेकिन पुलिस ने उनमें से एक की शिनाख्त काशिफ़ के रूप में की है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। बता दें कि इनके पास से बरामद ‘सायनायड’ यदि किसी व्यक्ति को दे दिया जाए तो ये ड्रग शरीर को ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने से रोक देता है, जिससे दिल और दिमाग दोनों काम करना बंद कर देते हैं। इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
इस मामले की जानकारी देते हुए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर में पुलिस की तरफ से एक गार्ड की तैनाती रहती है। दोनों युवक रात के करीब 9 बजे मंदिर परिसर में घुसे। इसके बाद दोनों ने मंदिर के प्रमुख द्वार के बाहर एंट्री रजिस्टर में अपना नाम डॉक्टर विपुल विजय वर्गीय नागपुर और काशी गुप्ता के रूप में कराई। हालांकि, उस वक्त महंत यति नरसिंहानंद सरसरस्वती मंदिर में मौजूद नहीं थे। वे एक चैनल की डिबेट में हिस्सा लेने गए थे।
उनके अनुयायी अनिल यादव ने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनों को अपनी हिरासत में ले लिया है। जिस व्यक्ति ने अपना नाम विपुल विजय वर्गीय बताया है, उसने कहा कि वो डॉक्टर है और ब्लेड का इस्तेमाल मरीजों के इलाज में करता है। वहीं, काशिफ़ ने पूछताछ में बताया कि विपुल से उसकी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई थी और फिर फोन पर बातचीत होने लगी। वो इस दोस्ती का मकसद नहीं बता पाया है।
काशिफ़ ने बताया कि विपुल कुछ दिनों से गाजियाबाद आया हुआ था और उसे डासना के मंदिर का दर्शन करना था, इसलिए वो उन्हें यहां लेकर आया था। काशिफ़ गाजियाबाद के ही संजयनगर का रहने वाला है। मंहत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि दोनों आरोपी किसी जिहादी संगठन से सम्बन्ध रखते हैं और उन्हें उनकी हत्या के लिए भेजा गया था।
बता दें कि इससे पहले 17 मई को जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार किया था। उसके पास से भगवा कपड़े व पूजा-पाठ की सामग्री बरामद हुई थी। जम्मू कश्मीर का ये आतंकी महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी लेकर आया था। उसके पास से एक पिस्टल और 2 मैग्जीन के अलावा 17 कारतूस भी बरामद की गई थी।
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