अयोध्या फैसला: UP में पूरी तरह शांति का महौल, कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं, जानिए योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदम

देश और दुनिया के इतिहास के सबसे विवादित और पुराने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है. फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा को लेकर बेहद चाक-चौबंद व्यवस्था रही. यूपी पुलिस की मुस्तैदी का ही परिणाम है कि पूरे प्रदेश में अमन और शान्ति कायम है. कही से भी किसी भी अप्रिय घटना की अभी तक कोई सूचना नहीं मिली. वहीं सूबे के सबसे संवेदनशील इलाके पश्चिमी क्षेत्र से मुसलमानों ने हिन्दुओ के गले मिलकर उन्हे बधाई देने की खबर सामने आई. मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बरेली, इटावा से सामुदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली.


उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने मीडिया से कहा कि ‘प्रदेश के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. हम समूचे प्रदेश पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और हमारी टीमें अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या फैसले से पहले और बाद में सोशल मीडिया, इमरजेंसी 112 नंबर पर आने वाली फोन कॉल और मीडिया से प्राप्त सूचनाओं पर नजर रखने के लिए पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस के 112 मुख्यालय पर ‘इमरजेंसी आपरेशन सेंटर’ बनाया गया है.


600 से ज्यादा FB अकाउंट ब्लॉक करने की तैयारी

बता दें कि प्रशासन ने हिदायत दी है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. गठित टीम वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन पर खास नजर बनाए हुए है. इसके अलावा ट्विटर और फेसबुक की भी मॉनिटरिंग की जा रही है. डीजीपी के मुताबिक, 600 से अधिक फेसबुक अकाउंट ब्लॉक करने की तैयारी है. वहीं, आपत्तिजनक पोस्ट के लिए करीब 42 यूजर्स को गिरफ्तार किया गया है.


31 संवेदनशील जिले चिन्हित

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा, ‘हमारे सोशल मीडिया सेल इंटरनेट पर उन 676 लोगों पर लगातार नजर रख रहे हैं, जिनकी पोस्ट या टिप्पणियां परेशानी का सबब बन सकती हैं. हमारे पुलिसकर्मियों ने जिले, पुलिस स्टेशन और स्थानीय स्तर पर संभावित खतरों और हॉट स्पॉट की पहचान की है. हमने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 संवेदनशील जिलों की पहचान की जैसे-आगरा अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और अन्य.’


सद्भाव के लिए की गयीं 10 हजार बैठकें

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है. हवाई निरीक्षण भी किया जा रहा है. इंटेलिजेंस मशीनरी भी काम पर लगी हुई है और औचक निरीक्षण भी किया जा रहा है. सुरक्षा इंतजामों पर नजर रखने के लिए अयोध्या में एक एडीजी रैंक के अफसर की तैनाती की गई है. अयोध्या मामले पर फैसले से पहले उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, हमने सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं. राज्य के धार्मिक नेताओं और नागरिकों के साथ 10 हजार बैठकें की गई हैं.


पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां

उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी आशुतोष पांडे ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां, आरपीएफ और पीएसी और 1200 पुलिस कॉन्स्टेबल, 250 सब-इंस्पेक्टर्स, 20 डिप्टी सुप्रिटेंडेंट और 2 एसपी की तैनाती की गई है. डबल लेयर बैरिकेडिंग, पब्लिक अड्रेस सिस्टम लगाया गया है. साथ ही 35 सीटीटीवी और 10 ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है. लोगों के रामलला के दर्शनों पर कोई पाबंदी नहीं है. सभी मार्केट खुले हैं और स्थिति पूरी तरह सामान्य है.


क्या कदम उठाए गए हैं ?


-धार्मिक लोगों के साथ 10000 बैठकें हुई हैं

-सोशल मीडिया को नियंत्रित किया जा रहा है

-अधिकारी संयुक्त रूप से गश्त करेंगे

-राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई है

-अयोध्या में विशेष एडीजी नियुक्त किया है

-कई शहरों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है

-लखनऊ में विशेष EOC बनाई है


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