यूपी के ललितपुर (Lalitpur) जब एक बेटे की रिहाई की खबर 13 साल बाद उसके पिता और परिवार को हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. 13 साल से बिछड़ा हुआ बेटा अपने पिता और परिजनों से मिला तो सबकी आंखें छलक उठीं. परेशान पिता ने बेटे का माथा चूम लिया. 13 साल बाद बेटा पाकिस्तान (Pakistan) की जेल से रिहा होकर अपने वतन, अपने घर पहुंचा है. वहीं इस दौारन सोनू सिंह (Sonu Singh) के पिता के आंसू लगातार बहते दिखे, भावविभोर होकर उन्होंने बेटे की रिहाई के लिए पीएम मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सोनू की वापसी प्रधानमंत्री के प्रयासों के चलते हुई है.

दरअसल, ललितपुर जिले के मड़ावरा तहसील के सतवांसा ग्राम निवासी सोहन सिंह उर्फ सोनू सिंह 13 साल तक पाकिस्तान जेल में प्रताड़ना झेलने के बाद भारत सरकार की पहल के बाद 26 अक्टूबर को रिहा होकर भारत वापस लौट आया था. उसे सरकारी कार्यवाही और कोरोना को देखते हुए अमृतसर के नारायणगढ़ के एक क्वारन्टीन सेंटर में रखा गया था. यहां सारी औपचारिक्ताओं को करने में करीब एक माह का समय लगा गया.

रूक नहीं रहे थे आंसू
शनिवार शाम को सोनू को लेने उसके परिजनों के साथ-साथ, श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ और ललितपुर जिले के बहुत से लोग स्टेशन पहुंचे थे. 13 साल बाद सकुशल अपने घर वापस लौटने पर सोनू सिंह काफी खुश नजर आ रहा था, लेकिन पाकिस्तान जेल में रहने के दौरान प्रताड़ित किये जाने की वजह से सोनू सिंह मानसिक रूप से कमजोर नजर आ रहा था. उसके बावजूद अपने पिता और परिजनों को पहचानते हुए उसने लोगों का स्वागत स्वीकार किया. क्योंकि सोनू को अपने वतन और गांव की याद पाकिस्तान की जेल में रहने के दौरान बनी रही.

गलती से पहुंच गया था पाकिस्तान
सोनू ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसे किस तरह से पाकिस्तान की जेल में प्रताड़ित किया गया और कैसे वह गलती से पाकिस्तान पहुंच गया. बात करते हुये उसकी मनोदशा को समझा जा सकता था कि आखिर उसके साथ पाक जेल में क्या हुआ होगा. सोनू ने बताया कि घर से जाने के बाद दिल्ली में काम करने लगा. एक दिन वह अमृतसर घूमने गया था. वहीं से वाघा बॉर्डर के रास्ते गलती से पाकिस्तान से पहुंच गया था. 13 साल की सजा पूरी होने के बाद सोनू सिंह 26 अक्टूबर 2020 को 4 अन्य भारतीय कैदियों के साथ पाकिस्तान की जेलों से रिहाई के बाद अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचा.

सोनू के परिजनों ने बतया कि पाकिस्तान में तेरह साल के दरम्यान सोनू को कई अलग-अलग जेलों में रखा गया. वह भारत छोड़ने की उम्मीद छोड़ चुका था लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों से यह संभव हो सका. बहरहाल सोनू की घर वापसी से उसके परिवार बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल देखा रहा है. परिजन व ग्रामीण जहां देश की मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की फितरत की निंदा करने से भी नहीं चूक रहे हैं. पाकिस्तान की जेल में तेरह साल तक उसे तरह तरह की यातनाएं दी गई. शरीर पर पानी डाल-डालकर पीटा गया.
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