उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने मंगलवार को अपनी सरकार द्वारा सड़कों पर नमाज अदा करने पर लगाए गए प्रतिबंध का समर्थन किया। इस फैसले के संदर्भ में उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण दिया और बताया कि धार्मिक आयोजनों में अनुशासन की आवश्यकता है।
महाकुंभ की अनुशासन की मिसाल
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई, लेकिन इस दौरान कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। उन्होंने इसे एक आदर्श उदाहरण बताया, जिसमें श्रद्धालुओं ने व्यवस्थित तरीके से धर्मिक कृत्य किए। “यह धार्मिक अनुशासन है,” उन्होंने कहा।
सड़कें केवल यातायात के लिए हैं
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि सड़कें लोगों के चलने के लिए होती हैं, न कि धार्मिक गतिविधियों के लिए। उन्होंने यह टिप्पणी की कि जो लोग सड़कों पर नमाज अदा करने की बात करते हैं, उन्हें हिंदू धर्म से अनुशासन सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लाखों लोग आए, लेकिन कहीं भी हिंसा, आगजनी या अन्य कोई गलत घटना नहीं हुई।
सड़कों पर नमाज अदा करने पर यूपी सरकार का निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार ने ईद के मौके पर सड़कों पर नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने निर्देश जारी किया था कि नमाज केवल निर्धारित स्थलों पर ही अदा की जाएगी, जैसे कि मस्जिदें और अन्य नियत स्थल। पुलिस ने इस निर्देश का पालन करते हुए सभी जिलों में सुरक्षा सुनिश्चित की और यह सुनिश्चित किया कि सड़कों पर नमाज अदा नहीं हो।
ईद के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था और घटनाएं
उत्तर प्रदेश में इस बार ईद की नमाज सुरक्षा व्यवस्था के तहत अदा की गई, जिसमें एआई-सक्षम ड्रोन और सोशल मीडिया निगरानी शामिल थी। हालांकि, मेरठ में मामूली झड़पें हुईं, जिससे कुछ लोग घायल हो गए और तीन गिरफ्तारियां भी हुईं। वहीं मुरादाबाद में नमाजियों ने ईदगाह में प्रवेश को लेकर पुलिस के साथ बहस की। पुलिस ने कुछ देर के लिए एंट्री बंद कर दी थी, जिससे कुछ लोग सड़क पर नमाज अदा करने की कोशिश करने लगे, जिन्हें पुलिस ने रोक दिया।