लोकसभा चुनाव में संभल से जीत दर्ज करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता सफीकुर रहमान बर्क ने एक बार फिर ‘वंदे मातरम’ को लेकर विवादित बयान दिया है. जीत के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए बर्क ने कहा कि वह ‘वंदे मातरम’ नहीं गायेंगे.
डॉ शफीकुर्रहमान बर्क़ का विवादों से पुराना नाता है. पहली बार सुर्खियों में ये तब आये थे जब इन्होने मनमोहन सरकार के दौरान सदन में ‘वन्दे मातरम’ बजने पर यह कहकर वाकआउट कर गए थे कि यह हमारे धर्म के खिलाफ है, इसलिए अगर भविष्य में भी ऐसी स्थिति आई तो मैं वही करूंगा, जो आज किया है. जहां तक देश की आन-बान की बात है तो मैं इसके लिए अपनी जान भी कुर्बान करने को तैयार हूं. इसके बाद सदन में इनकी जमकर आलोचना हुई थी.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद में भी शफीकुर्रहमान बर्क़ अपने बयानों से चर्चा में आये थे. उन्होंने खुले तौर पर जिन्ना का समर्थन किया था. इतना ही नहीं उन्होंने देश की आजादी में जिन्नाका सबसे बड़ा योगदान बताया था. आपको बता दें कि बर्क़ चार बार सांसद रहे और यूपी सरकार में मंत्री भी रह चुके है.
हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सपा नेता ने पीएम मोदी को लेकर बेहद विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा “महागठबंधन मोदी के लिए मौत का पैगाम बन गया है.” यहां गौर करने वाली बात यह ये थी कि जिस मंच से शफीकुर रहमान बर्क ये बातें कह रहे थे उसी मंच पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी बैठे थे.
शफीकुर रहमान बर्क ने बीजेपी प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी को करीब एक लाख से भी ज्यादा वोटों से हराकर जीत दर्ज की है. डॉ शफीकुर रहमान बर्क को करीब 594786वोट मिले हैं. वहीं दूसरे परमेश्वर लाल सैनी को करीब 433775 वोट मिले.
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