लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में भले ही समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच हुए गठबंधन में कांग्रेस को जगह न दी गयी हो लेकिन अजीत सिंह की आरएलडी गठबंधन के साथ ही कांग्रेस को भी साधते हुए चल रही है. आरएलडी ने इसका सन्देश कांग्रेस की आगामी 25 फरवरी को होने जा रहे युवा कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड फ्रंट के प्रदर्शन में अपनी युवा टीम को शामिल करने के फैसले से कर दिया.
दिलचस्प बात ये है कि केवल आरएलडी ही नहीं कांग्रेस को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती का रुख अलग-अलग देखा जा रहा है. जहाँ एक ओर मायावती कांग्रेस पर हमलावर देखी जा रहीं हैं, वहीं दूसरी ओर अखिलेश लगातार नरम रुख अपनाए हुए हैं, अब सपा की तरह कांग्रेस के प्रति यही नरमी आरएलडी भी दिखा रही है.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक़ अजीत सिंह की अगुवाई वाली रालोद चुनाव बाद कांग्रेस के साथ संभवनाओं को खत्म नहीं करना चाहते हैं, यही कारण है कि कांग्रेस पर हमला करने से बच रही और कांग्रेस की यूनाटेड फ्रंट के प्रदर्शन में अपनी युवा टीम भेजने का फैसला किया है.
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