चंद्रशेखर की भीम आर्मी के बाद आई लोकेश कटारिया की भीम आर्मी-2

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में जहां भीम आर्मी को दलितों की आवाज माना जा रहा था, अब आपसी झगड़ों की वजह से यह आर्मी दो धड़ों में बंट गई है। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी के एक धड़े को चंद्रशेखर आजाद का नेतृत्व पसंद नहीं आ रहा था। यही वजह है कि संगठन के एक धड़े ने अलग होकर लोकेश कटारियां की अगुवाई में भीम आर्मी-2 का गठन कर लिया है।

 

चंद्रशेखर अब दलितों की मुखर आवाज नहीं रहे…

सूत्रों ने बताया है कि मुजफ्फरनगर में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली भीम आर्मी से अलग होकर भीम आर्मी-2 का गठन कर संस्था के संस्थापक शिवजी गौतम को बनाया गया है। वहीं, शिवजी गौतम का कहना है कि चंद्रशेखर अब दलितों की मुखर आवाज नहीं रहे।

 

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शिवजी गौतम का कहना है कि चंद्रशेखर ने प्रदेश की बीजेपी सरकार से गुपचुप समझौता कर चुके हैं, इसीलिए भारत बंद के दौरान हुई सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की हिंसा में जेल में बंद निर्दोष दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई का प्रयास नहीं कर रहे।

 

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शिवजी गौतम के मुताबिक, भीम आर्मी-2 का अध्यक्ष दलित नेता लोकेश कटारिया को नियुक्त किया गया है और जेल में बंद अपने निर्दोष साथियों की रिहाई के लिए अभी हाल ही में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है। उनका कहना है कि जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

 

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योगेश गौतम बोले- मनुवादी सोच वालों से नहीं करेगी भीम आर्मी समझौता

वहीं, चंद्रशेखर के खास माने जाने वाले योगेश गौतम का कहना है कि चंद्रशेखर की भीम आर्मी मनुवादी सोच वालों से कभी समझौता नहीं करेगी और अपना संघर्ष जारी रखेगी।

 

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योगेश ने शिवजी गौतम और लोकेश कटारिया पर पलटवार करते हुए कहा कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई कथित हिंसा में जेल भेजे गए निर्दोष साथियों की रिहाई के लिए भीम आर्मी ने छह दिसंबर को देशव्यापी आंदोल का ऐलान किया है।

 

योगेशे ने कहा कि इन दोनों कथित दलित नेताओं ने खुद सत्तारूढ़ दल के बहकावे में आकर समानांतर संगठन का गठन किया है, ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके।

 

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