लखनऊ: CM योगी ने 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को सौंपा नियुक्ति पत्र, कहा- अपने क्षेत्र में ईमानदारी से प्रदेश के विकास में दें सहयोग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPSC) द्वारा अधीनस्थ कृषि सेवा (वर्ग-1) के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों (Senior Technical Assistants) को नियुक्ति पत्र (Appointment Letters) सौंपे गए।

5 साल पहले यूपीएससी बन गया था बदनाम केंद्र

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि यूपी लोकसेवा आयोग पांच वर्ष पहले बदनाम केंद्र बन गया था। उसके नाम से युवाओं को चिढ़ होती थी, लगता था कि कहीं न कहीं यह प्रदेश के युवाओं से धोखा कर रही है। उस समय की स्थिति चिंताजनक थी, युवा आंदोलनरत था। सीबीआई जांच करानी पड़ी थी। वहां भेदभाव, भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं।

उन्होंने कहा कि अयोग्य को चेयरमैन बना दिया गया था, जो चयन प्रक्रिया को भ्रष्टाचार की गर्त में भेजता था। अब चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हुई, इसलिए आप भी अपने क्षेत्र में ईमानदारी से प्रदेश के विकास में सहयोग दें और कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को डबल डिजिट में पहुंचाने में योगदान दें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान देश में हम सबसे बड़े कृषि प्रधान प्रदेश में निवास कर रहे हैं। यूपी में कृषि बड़ी आबादी की आजीविका का माध्यम है। यूपी की अत्यंत उर्वरा भूमि, पर्याप्त जल, एवं मानव संसाधन, वैविध्यपूर्ण कृषि जलवायु संभावनाओं को बढ़ाती है। इसके लिए केंद्र व राज्य मिलकर अनेक प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में इन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अन्नदाताओं को समय पर अच्छी तकनीक, अच्छी बीज व समय के अनुरूप इन्हें अपडेट कर सकें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह कृषि विश्वविद्यालय हैं, जो केंद्र व राज्य शासन के अधीन कार्य करते हुए प्रदेश में न केवल अच्छे कृषि स्नातक दे सकें, बल्कि किसानों के सहयोग के लिए उन तक प्रशिक्षित टीम को पहुंचा सकें। भारत सरकार के सहयोग से यूपी में 89 कृषि विज्ञान केंद्र (छोटे जनपदों में एक, बड़ों में दो) संचालित किए जा रहे हैं।

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सीएम ने कहा कि यदि हमें देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में प्रदेश को स्थापित करना है, तो उन सेक्टरों को चिह्नित करना पड़ेगा, जहां अच्छी संभावनाएं हैं। यूपी में कृषि, खेती-किसानी सबसे अच्छी संभावनाओं वाला क्षेत्र है। यूपी में जो क्षमता है, आगामी कुछ वर्षों में थोड़ा भी प्रयास कर लेंगे, बेहतरीन तकनीक, प्रामाणिक बीजों को उपलब्ध, प्रगतिशील किसानों का सहयोग लेकर तो तीन गुना क्षमता बढ़ाने की ताकत रखते हैं। यूपी खाद्यान्न उत्पादन में पूरी दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है।

उन्होंने कहा कि कृषि के विकास दर को लगातार डबल डिजिट में ले जाने की तैयारी करना। 2014 में बागडोर संभालने के बाद पीएम मोदी ने इस दिशा में काफी प्रयास किए। पहली बार किसान भी शासकीय एजेंडे का हिस्सा बने। स्वायल हेल्थ कार्ड, पीएम फसल बीमा, पीएम कृषि सिंचाई योजना, पर ड्राप मोर क्रॉप, हर खेत को पानी जैसी योजनाएं शुरू हुईं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से यूपी के सर्वधिक 2.54 करोड़ किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

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