लखनऊ: मां की जान लेने वाले पिटबुल को स्पेशल केज से 14 दिन बाद छुड़ाने पहुंचा बेटा, पड़ोसियों ने जताया ऐतराज

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में मालकिन पर जानलेवा हमला करने वाले पिटबुल (Pitbull) को नया मालिक मिल गया है. लखनऊ नगर निगम ने गुरुवार को पिटबुल को उसके पुराने मालिक अमित को सौंपा. अमित उसे नए मालिक के पास सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. हालांकि, अभी नए मालिक के नाम और पते को गुप्त रखा गया है. मृतका के बेटे अमित त्रिपाठी ने बुधवार को नगर निगम मुख्यालय जाकर पिटबुल वापस करने की मांग की. इस पर अफसरों ने पड़ोसियों के ऐतराज और घर में कम जगह होने की दलील देकर पिटबुल लौटाने से इनकार कर दिया.

14 दिन तक स्पेशल केज में रखने के बाद पिटबुल को आज नगर निगम की टीम ने अमित को सौंपा. अमित उसे गोंद में लेकर उसके नए मालिक के पास रवाना हो गया. इस दौरान मीडिया ने अमित से पिटबुल के नए मालिक के बारे में कई सवाल पूछे, लेकिन अमित ने कोई जवाब नहीं दिया. नगर निगम ने भी औपचारिकताएं पूरी करके पिटबुल को सौंप दिया.

12 जुलाई को बंगाली टोला में रहने वाले अमित त्रिपाठी की मां सुशीला पर उनके पालतू पिटबुल ब्राउनी ने हमला कर दिया था. पता चलने पर अमित जख्मी मां को बलरामपुर अस्पताल ले गए. वहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई. इसके बाद 14 जुलाई को नगर निगम टीम ने अमित के पिटबुल को जब्त कर लिया था.

पिटबुल को फिलहाल जरहरा स्थित एबीजे सेंटर में रखा गया है. अफसरों ने बताया था कि 15 दिन तक उस पर नजर रखी जाएगी. इसके बाद किसी को सौंपा जाएगा. इस बीच कार्रवाई के 15वेें दिन बुधवार को अमित निगम मुख्यालय पहुंचे और संयुक्त पशु निदेशक डॉ. एके राव से मिलकर पिटबुल वापस दिलाने की मांग की.

मां की मौत पर पिटबुल ‘ब्राउनी’ के मालिक अमित ने कहा था कि परिस्थितियों के हिसाब से डॉग के द्वारा मौत हुई है, जानबूझकर नहीं. गौरतलब है कि इसी महीने बंगाली टोला इलाके में 80 वर्षीय सुशीला पर उनके पालतू पिटबुल ‘ब्राउनी’ ने हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. कुछ पड़ोसियों ने मौत को लाइव देखा था.

पड़ोसियों के मुताबिक, सुशीला पर हमला करने के बाद पिटबुल उनको नोंच रहा था. जैसे ही मौत की खबर आई तो नगर निगम हरकत में आया और उसने पिटबुल को जब्त कर लिया था. इसके बाद उसे एक स्पेशल केज में 14 दिन तक के लिए रखा गया. उसके बिहेवियर की जांच करने के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था.

Also Read: ‘एसपी साहब! मुझे पुलिस से बचाइए, अब नहीं करूंगा अपराध’, गाजीपुर में तख्ती लटकाए थाने पहुंचा शातिर बदमाश

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )