उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एडीजी जोन के फर्जी हस्ताक्षर के जरिए तबादले का आदेश जारी होने के मामले में हड़कंप मच गया है। एडीजी के हस्ताक्षर पर 3 आरक्षियों के तबादले का आदेश जारी हुआ था, लेकिन जांच के दौरान ये हस्ताक्षर फेक निकला है। इसका मतलब कि तबादले के आदेश के लिए एडीजी के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग किया गया। अब इस मामले की जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ आदेश की कॉपी
यह पूरा मामला राजधानी लखनऊ का है। यहां तत्कालीन एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया के जाली दस्तखत का इस्तेमाल कर उन्नाव, रायबरेली और अयोध्या में तैनात आरक्षियों के तबादले का आदेश जारी हुआ है। वहीं, जब एडीजी जोन ऑफिस में तैनात पुलिसवालों ने फेक ट्रांसफर ऑर्डर की बात अधिकारियों को बताई तो हड़कंप मच गया।
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फिर क्या था..मामले में डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के आदेश जारी किए गए। सोशल मीडिया पर ट्रांसफर ऑर्डर का लेटर तेजी से वायरल हो रहा है। ट्रांसफर ऑर्डर 12 फरवरी को जारी हुआ है, जिसमें तत्कालीन एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया के फेक साइन का इस्तेमाल किया गया है। इस फेक साइन के जरिए उन्नाव में तैनात आरक्षी विजय बहादुर यादव, रायबरेली में तैनात संजय कुमार और अयोध्या में तैनात हरि मिश्रा के तबादले का आदेश जानी होने की बात सामने आई है।
सिपाही का तबादला….
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वैसे तो मैं आईएएस, आईपीएस के तबादले भी कम पोस्ट करता हूँ। लेकिन इस आदेश को इसलिए डाला कि ये फ़र्ज़ी है। दरअसल एडीजी जोन लखनऊ कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मी ने जोन के ही फर्जी हस्ताक्षर कर तीन सिपाहियों का स्थानांतरण कर दिया। विभागीय जांच शुरू।#AmaJaneDo 😜 pic.twitter.com/Irl5d40Zyh— Naval Kant Sinha | नवल कान्त सिन्हा (@navalkant) February 16, 2024
बता दें कि हाल में ही एडीजी लखनऊ जोन पीयूष मोर्डिया का तबादला किया गया है। वर्तमान में वह एडीजी वाराणसी जोन के पद पर तैनात है। वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आए 1995 बैच के आईपीएस अफसर अमरेंद्र कुमार सेंगर को एडीजी जोन लखनऊ की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
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