UP के 18 जिलों से गुजरते हुए 14 नवंबर को काशी पहुंचेंगी मां अन्नपूर्णा, 100 साल बाद फिर बाबा विश्वनाथ के साथ होंगी विराजमान

100 साल पहले वाराणसी से चोरी की गई मां अन्नपूर्णा (Maa Annapurna Idol) की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति कनाडा ने भारत को लौटा दी है. अब भारत सरकार (Government of India) इस मूर्ति को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में स्थापित किया जाएगा. बता दें, कि मां अन्नपूर्णा की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति 100 साल पहले चोरी हो गई थी और इसे कनाडा ले जाया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से भारत को वापस मिली प्रतिमा 11 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंपी जाएगी, जिसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा के माध्यम से माँ अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवम्बर को काशी पहुंचेगी. अगले दिन (15 नवम्बर) देवोत्थान एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे.

नई दिल्ली में प्रतिमा हस्तांतरित होने के बाद अगले 04 दिनों में भव्य शोभायात्रा गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और जौनपुर होते हुए 14 नवंबर को अपराह्न साढ़े चार बजे वाराणसी पहुंचेगी. माँ अन्नपूर्णा की शोभायात्रा को भव्य बनाने के लिए सभी सम्बंधित 18 जिलों में तैयारियां की जा रही हैं. शोभा यात्रा के लिए तय रूट के मुताबिक पहले दिन का रात्रि विश्राम तीर्थ क्षेत्र सोरों कासगंज में होगा जबकि दूसरे दिन कानपुर और तीसरे दिन अयोध्या में रात्रि विश्राम के लिए रुकेगी. हर जिले में शोभायात्रा का स्वागत जनपद के स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रभारी मंत्री करेंगे. इसमें आम जनता की भी सहभागिता होगी. 15 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वाराणसी में भव्य समारोह आयोजित कर प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी.

भारत को अमेरिका से जल्द मिलने वाली हैं 157 और दुर्लभ धरोहर

बीते दिनों लखनऊ आए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी ने बताया था कि पीएम मोदी के हालिया अमेरिका दौरे के बाद 157 ऐसी ही धरोहरों की वापसी का रास्ता साफ हुआ है. यह भी जल्द भारत लाई जाएगी. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक 2014 के बाद से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 42 दुर्लभ धरोहरों की देश वापसी हो चुकी है, जबकि 1976 से 2013 तक कुल 13 दुर्लभ प्रतिमाएं-पेंटिंग ही वापस लाई जा सकी थीं.

मां अन्नपूर्णा का काशी तक यूं रहेगा सफर

11 नवंबर- मोहन मंदिर, गाजियाबाद, दादरी नगर शिव मंदिर, गौतमबुद्ध नगर, दुर्गा शक्ति पीठ खुर्जा, बुलंदशहर, रामलीला मैदान, अलीगढ़, हनुमान चौकी, हाथरस और सोरों, कासगंज.

12 नवम्बर- जनता दुर्गा मंदिर, एटा, लखोरा, मैनपुरी, मां अन्नपूर्णा मंदिर तिर्वा, कन्नौज, पटकापुर मंदिर कानपुर.

13 नवम्बर- झंडेश्वर मंदिर, उन्नाव, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर , लखनऊ, भिटरिया बाईपास, बाराबंकी, हनुमान गढ़ी, अयोध्या.

14 नवंबर- दुर्गा मंदिर कस्बा केएनआईटी, मीनाक्षी मंदिर प्रतापगढ़, दौलतिया मंदिर जौनपुर, बाबतपुर चौराहा व शिवपुर चौक, वाराणसी.

ऐसे आया था मामला सामने

यह मामला उस समय सामने आया जब इस साल गैलरी में एक आगामी प्रदर्शनी की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान कलाकार दिव्या मेहरा मैकेंजी के कलेक्शन से गुजरी थीं तभी उनकी नजर मूर्ति पर पड़ गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे को उठाया और कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है. जिसके बाद यह मूर्ति भारत को सौंपी गई थी.

एक हाथ में खीर और दूसरे में चम्मच लिए हुए हैं मां

विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार, मेहरा के शोध से पता चला है कि मैकेंजी ने 1913 में भारत की यात्रा की थी. इसी के बाद इसे कनाडा में लगाया गया हो. इस मूर्ति की पहचान भारतीय महिला व दक्षिण एशियाई कला के क्यूरेटर डॉ. सिद्धार्थ वी शाह ने पीबॉडी एसेक्स म्यूजियम में की है.

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