देवरिया जेल कांड में पूर्व समाजवादी सांसद और माफिया अतीक अहमद की बैरक की तलाशी के बाद प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए डिप्टी जेलर देवकांत यादव समेत हेड वार्डन मुन्ना पांडेय, वार्डन राजेश कुमार शर्मा और रामआसरे को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है.
देवरिया जेल के अधीक्षक दिलीप पांडेय और जेलर मुकेश कटियार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के साथ ही अतीक अहमद को बरेली जेल भेजने की सिफारिश की गई है. साथ ही जेल की सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने के मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.
उधर, प्रमुख सचिव (गृह) ने कहा है कि सरकार ने इस मामले में एडीजी (जेल) से रिपोर्ट तलब की है, ताकि जेल में हुई गड़बड़ियों की जिम्मेदारी तय की जा सके. पुलिस में दर्ज मुकदमें के अनुसार इसी 26 दिसंबर को लखनऊ के आलमबाग निवासी कारोबारी मोहित जायसवाल को अतीक अहमद के गुंडों ने उसकी फार्चुनर गाड़ी समेत अगवा कर लिया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अतीक के गुंडे मोहित को लेकर देवरिया जेल पहुंचे और उसकी अतीक अहमद के सामने पेशी हुई. आरोप है कि अतीक अहमद ने जेल के बैरक में ही इस कारोबारी को 20-25 लोगों से बेरहमी से पिटवाया. बताया जाता है कि पिटाई से कारोबारी के दायें हाथ की कई उंगलियां टूट गयी हैं और उसके कुल्हे में जबरदस्त चोट आई है.
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